ओबीसी आरक्षण के मामले में राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कांग्रेस पार्टी के मुकाबले मोर्चा संभाल लिया है। आज उन्होंने कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान का जवाब देते हुए कहा कि, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देना चाहती ही नहीं थी। वह केवल पॉलिटिक्स कर रही थी। इसलिए इतना कमजोर कानून बनाया कि कोर्ट में चैलेंज हो गया।
मोहन यादव सरकार ओबीसी आरक्षण देना नहीं चाहती: जीतू पटवारी
भोपाल सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मप्र में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बयान देते हुए कहा कि मैंने ओबीसी आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे वकीलों से मुलाकात की। कल के प्रकरण से स्पष्ट हो गया है कि मप्र की मोहन यादव सरकार ओबीसी का आरक्षण चाहती ही नहीं है। इससे पहले जो तारीख थी, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि सरकार मामले को सुलझाना ही नहीं चाहती है। पटवारी बोले कि 27 फीसदी आरक्षण पर सरकार की नीति है कि कैसे भी तारीखें आगे बढ़े। जिरह न हो। इसी काम के लिए वकीलों को 100 करोड़ रुपए दिए गए।
कमलनाथ सरकार ओबीसी आरक्षण देना ही नहीं चाहती थी: कृष्णा गौर
मध्य प्रदेश सरकार में भोपाल पिछड़ा वर्ग विभाग की राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने पटवारी के बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि ओबीसी समाज के सभी बड़े संगठनों ने इसका समर्थन किया है। हमारे मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं कि ओबीसी समाज को आरक्षण मिले। जबकि कांग्रेस ने कालेलकर आयोग और मंडल कमीशन की रिपोर्ट दबाने का काम किया था। वे बोलीं कि कांग्रेस की मंशा कभी थी ही नहीं कि मप्र में ओबीसी समाज को आरक्षण मिले। इसलिए कांग्रेस सरकार ऐसा बिल लेकर आई कि वो कानूनी रूप से कोर्ट में चैलेंज हो गया। वरना आप पूरी तैयारी के साथ विधानसभा में अध्यादेश लेकर आते।