MP-Ghub Implementation Unit का गठन: भोपाल-इंदौर सहित 13 शहरों के लिए

भोपाल
। राज्य सरकार ने शहरों को तेजी से बढ़ाने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसे जी-हब नाम दिया गया है। इसका मतलब है कि शहरी इलाकों को ग्रोथ हब यानी विकास के केंद्र के रूप में तैयार करना। इसके लिए मुख्य सचिव की अगुवाई में एक संचालन समिति बनाई गई है। साथ ही, जी-हब को अमल में लाने के लिए एक अलग क्रियान्वयन इकाई भी गठित की गई है। इनके जरिए चिन्हित शहरों की आर्थिक मजबूती की रणनीति बनेगी और उसे पूरा करने का रोडमैप तैयार होगा।

भोपाल और इंदौर आर्थिक क्षेत्र के लिए इकोनॉमिक प्लान

इस काम में नीति आयोग की मदद ली जाएगी। मध्य प्रदेश सरकार ने पहले ही नीति आयोग को पत्र भेजकर भोपाल आर्थिक क्षेत्र और इंदौर आर्थिक क्षेत्र के लिए इकोनॉमिक प्लान बनाने का अनुरोध किया है। भोपाल क्षेत्र में भोपाल, राजगढ़, विदिशा, रायसेन और सीहोर जिले शामिल हैं। वहीं इंदौर क्षेत्र में इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, खरगोन, रतलाम, शाजापुर और खंडवा जिले आते हैं। इन इलाकों को ग्रोथ हब बनाकर नौकरियां बढ़ाने, उद्योग लगाने और बुनियादी सुविधाएं मजबूत करने का लक्ष्य है।

संचालन समिति में कई बड़े अधिकारी शामिल हैं। इसमें अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवास, वित्त, योजना, आर्थिक और सांख्यिकी, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम, पर्यावरण वन, गृह, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, ऊर्जा तथा स्कूल शिक्षा के होंगे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मध्य प्रदेश राज्य नीति आयोग को सदस्य-सचिव बनाया गया है।

यह समिति राज्य स्तर पर जी-हब की दिशा तय करेगी। भोपाल और इंदौर क्षेत्रों के इकोनॉमिक प्लान के लिए नीति आयोग और दूसरे विभागों से तालमेल बिठाएगी। विभागों के बीच समन्वय रखेगी, जरूरी सलाह देगी, प्रगति की नियमित जांच करेगी। साथ ही, दूसरे राज्यों या विदेशों की अच्छी प्रैक्टिस को यहां अपनाने के लिए मार्गदर्शन भी देगी। सरल शब्दों में कहें तो यह समिति पूरी योजना को पटरी पर रखने का काम करेगी।

अब बात क्रियान्वयन इकाई की। भोपाल आर्थिक क्षेत्र के लिए आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास को चेयरमैन बनाया गया है। इसमें आयुक्त भोपाल और नर्मदापुरम, जिला कलेक्टर भोपाल, राजगढ़, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम और सीहोर तथा नगर निगम आयुक्त भोपाल और मुख्य नगरपालिका अधिकारी राजगढ़, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम व सीहोर सदस्य होंगे। फिर से मुख्य कार्यपालन अधिकारी राज्य नीति आयोग सदस्य-सचिव हैं।

इंदौर क्षेत्र के लिए भी आयुक्त नगरीय प्रशासन और विकास ही चेयरमैन हैं। इसमें आयुक्त इंदौर और उज्जैन, जिला कलेक्टर इंदौर, उज्जैन, देवास, धार, खरगोन, रतलाम, शाजापुर व खंडवा तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी धार, खरगोन और शाजापुर शामिल हैं। यहां भी सदस्य-सचिव वही हैं।

इन क्रियान्वयन इकाइयों का मुख्य काम है बेसलाइन डेटा इकट्ठा करना। यानी क्षेत्र की आर्थिक स्थिति का प्रोफाइल बनाना। नीति आयोग के दिए फॉर्मेट और प्रश्नावलियों के मुताबिक डेटा जमा करना। जिलों और शहरों से सुझाव लाकर इकोनॉमिक प्लान का ड्राफ्ट तैयार करना। निवेश, उद्योग, इंफ्रास्ट्रक्चर, शहरी विकास, कृषि, स्वास्थ्य और सोशल सेक्टर की जरूरतें पहचानना। प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता तय करना और पीएम गति शक्ति जैसी केंद्रीय योजनाओं से जोड़ना।

समय-समय पर संचालन समिति को रिपोर्ट देना, योजना की निगरानी करना, सुधार के सुझाव देना। दूसरे राज्यों या दुनिया की अच्छी प्रैक्टिस को यहां लागू करना। कुल मिलाकर, यह योजना शहरों को मजबूत बनाने का एक ठोस कदम है, जो रोजगार और विकास की नई राह खोलेगी। सरकार का कहना है कि इससे मध्य प्रदेश का आर्थिक चेहरा बदलेगा।
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