इस प्रकार के मामले अक्सर सामने आते हैं और कई बार पीड़ित महिला को अपराध में सहभागिता का दोषी बताकर शिकायत नहीं सुनी जाती है। लेकिन हम आपको बताते हैं कि, यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है, और भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita, BNS) में इस तरह के मामलों के लिए कड़ी कार्रवाई का स्पष्ट प्रावधान किया गया है, खासकर जब अपराधी एक अधिकारी (लोक सेवक) हो। इस लेख में सरल शब्दों में बताया गया है कि BNS के अनुसार क्या कार्रवाई होगी और क्या दंड दिए जा सकते हैं:
1. अपराधी की पहचान: Public Servant
सबसे पहले, चूंकि अपराधी एक अधिकारी है, वह "लोक सेवक" (Public Servant) माना जाएगा। लोक सेवक वह व्यक्ति होता है जो सरकार की सेवा या वेतन में हो, या सरकार द्वारा किसी सार्वजनिक कर्तव्य के लिए शुल्क या कमीशन द्वारा पारिश्रमिक प्राप्त करता हो।
2. अपराध की श्रेणी: 'बलात्कार' (Rape) या 'धोखाधड़ी के साधन' (Deceitful Means)
यह कृत्य दो प्रमुख धाराओं के तहत आ सकता है:
(A) बलात्कार (Rape) – धारा 63 और 64
यदि महिला ने नौकरी खोने के डर से या उस पर नियंत्रण/प्रभुत्व की स्थिति का दुरुपयोग होने के कारण सहमति दी है, तो यह सहमति 'सहमति' नहीं मानी जाएगी, और कृत्य बलात्कार माना जाएगा।
कड़ी सज़ा का कारण: Position of Control or Dominance
चूंकि अधिकारी (लोक सेवक) नौकरी देने की स्थिति में था, वह महिला पर नियंत्रण या प्रभुत्व की स्थिति (position of control or dominance) में था। BNS में, यह एक वर्धित (Aggravated) बलात्कार का मामला बन जाता है, जिसके लिए धारा 64(2)(j) के तहत विशेष रूप से गंभीर सज़ा तय की गई है:
1. सज़ा का प्रावधान (धारा 64(2)): अपराधी को कठोर कारावास (Rigorous Imprisonment) से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी।
2. यह सज़ा आजीवन कारावास तक बढ़ाई जा सकती है, जिसका अर्थ है उस व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन (remainder of that person’s natural life) के लिए कारावास।
3. अपराधी जुर्माने का भी उत्तरदायी होगा।
(B) छलपूर्ण साधनों से यौन संबंध – धारा 69
Sexual Intercourse by Deceitful Means: यदि यह साबित होता है कि अधिकारी ने नौकरी के झूठे वादे का उपयोग करके यौन संबंध बनाए थे, और यह कार्य सीधे तौर पर बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता है, तो भी यह धारा 69 के तहत एक अलग और गंभीर अपराध है।
• छलपूर्ण साधनों की परिभाषा: "छलपूर्ण साधनों" (deceitful means) में रोजगार या पदोन्नति के लिए प्रलोभन (inducement for, or false promise of employment or promotion) या झूठा वादा करना शामिल है।
• सज़ा का प्रावधान (धारा 69): इस अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को दस वर्ष तक के कारावास (imprisonment for a term which may extend to ten years) से दंडित किया जाएगा और वह जुर्माने का भी उत्तरदायी होगा।
3. यदि पुलिस अधिकारी मामला दर्ज नहीं करें तो?
यदि पुलिस अधिकारी लोक सेवक होने के नाते अपने कर्तव्य का पालन करते हुए ऐसे जघन्य अपराधों से संबंधित सूचना दर्ज करने में भी विफल रहता है, तो उस पर धारा 199(c) के तहत भी कार्रवाई हो सकती है:
• यदि कोई लोक सेवक (पुलिस कर्मचारी या अधिकारी) जानबूझकर धारा 64 (बलात्कार) या धारा 76 (कपड़े उतारने के इरादे से हमला) या धारा 77 (ताक-झांक/Voyeurism) या धारा 143 (मानव तस्करी) या धारा 144 (तस्करी किए गए व्यक्ति का शोषण) जैसे संज्ञेय अपराधों से संबंधित दी गई किसी भी जानकारी को दर्ज करने में विफल रहता है, तो उसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जो छह महीने से कम नहीं होगा लेकिन दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और वह जुर्माने का भी उत्तरदायी होगा।
संक्षेप में, नौकरी देने के बदले बलात्कार करने वाले अधिकारी पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 के तहत कम से कम दस साल के कठोर कारावास की कार्रवाई होगी, जिसे अपराधी के शेष जीवनकाल तक बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि उसने प्रभुत्व की स्थिति का दुरुपयोग किया है। ✍️लेखक: उपदेश अवस्थी, पत्रकार एवं विधि सलाहकार। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर: हमने यह जानकारी एजुकेशन के उद्देश्य से प्रकाशित की है। कृपया किसी भी प्रकार के कानूनी परामर्श के लिए कृपया अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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