सभी विभागों में अनुभव के बोनस अंक मिलते हैं अतिथि को क्यों नहीं ? - Khula Khat

स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय
, नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अतिथि शिक्षकों के 50% आरक्षित पदों पर आरक्षण की शर्त पूरा करने वाले अनुभवी अतिथि शिक्षक को प्रतिवर्षानुसार अधिकतम 20 अंक बोनस प्रदान कर, चयन परीक्षा के प्राप्तांकों में जोड़कर मैरिट सूची जारी करना चाहिए वर्तमान नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में तीन सत्र व 200 दिन के आधार पर सभी अतिथि शिक्षकों को समान रूप से आरक्षित पदों में शामिल किया गया है। जिससे अनुभवी अतिथि शिक्षकों को कार्यानुभव का उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि एक तरफ 3 वर्ष का कार्यानुभव और दूसरी तरफ 15 वर्षों का कार्यानुभव दोनों को एक समान समझकर लाभ दिया जा रहा है, जो एकदम अनुचित एवं अन्यायपूर्ण व दोषपूर्ण है। 

यदि कार्यानुभव के आधार पर 50% आरक्षण के अंदर प्रतिवर्षानुसार कार्यानुभव के बोनस अंक दिए जाऐंगे, जिससे अत्यधिक कार्यानुभव रखने वाले अतिथि शिक्षकों को वरिष्ठता का लाभ प्राप्त हो सकेगा।

अतः वर्तमान में प्रचलित दोषपूर्ण व अन्यायपूर्ण आदेश जो तीन सत्रों में मात्र 200 दिवस का कार्यानुभव रखने वाला आदेश2 सत्र कार्य करने पर पूरा कर लिया जाता है , किसी अतिथि ने सत्र 2023- 24 में 1 सत्र पूरा किया और 2024-25 मे पढ़ाकर 3 सत्र पूरे कर लिये, आप कहेंगे कैसे तो समझिए अप्रैल माह आगामी सत्र में जुड़ जाता है और वह 1 माह को पूरा सत्र माना जाता है l 15 वर्षो का कार्यानुभव रखने वाले अतिथि शिक्षकों को एक तराजू में तौलकर समानता प्रदर्शित करता हो, ऐसे दोषपूर्ण व अन्यायपूर्ण आदेश को तत्काल निरस्त किया जाये। और नियमित शिक्षक भर्ती में जो 50% आरक्षण दिया जा रहा है, उक्त आरक्षण की शर्त पूरा करने वाले अतिथि शिक्षक को प्रति कार्यानुभव के 200 से 399दिन पूरा करने वाले को 4अंक, 400से 599दिन दिन पूरा करने वाले को 8 अंक, 600 से 799दिन पूरा करने वाले को 12 अंक , 800 से 999 दिन पूरा करने वाले को 16 अंक, 1000 से 1200 दिन या अधिक कार्य अनुभव को 20 अंक बोनस प्रदान कर,चयन परीक्षा के प्राप्तांकों में जोड़कर मैरिट सूची जारी कर कार्यानुभव और वरिष्ठता के आधार पर अतिथि शिक्षकों को लाभान्वित किया जाये।

इस प्रकार आरक्षण देने से महापंचायत में मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा भी पूरी होगी और कार्यानुभव एवं वरिष्ठता के आधार पर न्याय मिलेगा। समय-समय पर न्यूज़ के माध्यम से पता चला है कि विभिन्न अधिकारियो और प्रभारियों ने अपने अपने परिचितों को 3 सत्र का लाभ दिलवाने, उनकी अतिथि मे नियुक्ति करके फ़र्ज़ी तरीके से मानदेय का आहरण किया है, इसलिए एक सत्र 100 दिन में माना जाए।

इसलिये आपसे करबद्ध निवेदन है कि उपरोक्त विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुये तथा विषय को ध्यान में रखते हुये उचित न्याय एवं दोषरहित आदेश व निर्देश जारी करने का कष्ट करें। ताकि अधिक से अधिक अतिथि शिक्षकों को कार्यानुभव और वरिष्ठता के आधार पर लाभ मिल सके। पत्र लेखक: कैलाश विश्वकर्मा

अस्वीकरण: खुला खत एक ओपन प्लेटफॉर्म है। यहाँ मध्य प्रदेश के सभी जागरूक नागरिक सरकारी नीतियों की समीक्षा करते हैं, सुझाव देते हैं, और समस्याओं की जानकारी देते हैं। पत्र लेखक के विचार उसके निजी हैं। यदि आपके पास भी कुछ ऐसा है, जो मध्य प्रदेश के हित में हो, तो कृपया लिख भेजें। हमारा ई-मेल पता है: editorbhopalsamachar@gmail.com
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