FACT CHECK: दिग्विजय सिंह के बयान का सच पढ़िए, दवा कंपनियों के 945 करोड़ के चंदे का हिसाब

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने आज राजधानी भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसमें उन्होंने, उन सभी फार्मा कंपनियों को टारगेट किया, जिन्होंने बीजेपी को तो चंदा दिया था लेकिन कांग्रेस को नहीं दिया। इस न्यूज़ में हम पॉलिटिकल पार्टियों को फार्मा कंपनियों के चंदे के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं:- 

सबसे पहले: दिग्विजय सिंह का बयान सुनिए फिर पढ़िए

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दवा कंपनियों से इलेक्टोरल बॉन्ड डोनेशन के नाम पर 945 करोड़ रुपए का चंदा लिया। इन कंपनियों में 35 फर्म ऐसी थीं जिनकी दवाओं की गुणवत्ता निर्धारित मापदंडों पर खरी नहीं पाई गई। श्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि, भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने फार्मास्यूटिकल कंपनियों से चंदा लेकर, उनके ऊपर नियंत्रण के सभी नियमों को बदल दिया और उन्हें खुली छूट दे दी। इसके कारण छिंदवाड़ा में 26 बच्चों की मौत हुई। 

दिग्विजय सिंह का पहला झूठ

उधार के ज्ञान पर बयान देने आए श्री दिग्विजय सिंह प्रेस कांफ्रेंस के दौरान झूठ बोल गए। उन्होंने कहा कि दवा कंपनियों ने भाजपा को 945 करोड रुपए का चंदा दिया। यहां उन्होंने आंकड़ा तो सही बताया है लेकिन बाकी बात छुप गए। यह बात सही है कि फार्मास्यूटिकल कंपनियों ने इलेक्टरल बॉन्ड के माध्यम से 945 करोड रुपए का चंदा दिया है लेकिन यह केवल भारतीय जनता पार्टी को नहीं दिया बल्कि सभी पॉलिटिकल पार्टियों को दिया है, जिसमें कांग्रेस पार्टी दूसरे नंबर पर है। भारतीय जनता पार्टी को 945 करोड़ में से 394 करोड रुपए मिले। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 100 करोड़ से ज्यादा का चंदा कांग्रेस पार्टी को मिला है। 

दिग्विजय सिंह का दूसरा झूठ

श्री दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में कहा कि 35 फर्म ऐसी थीं जिनकी दवाओं की गुणवत्ता निर्धारित मापदंडों पर खरी नहीं पाई गई। जबकि वास्तविकता यह है कि कल 35 कंपनियों ने ही चंदा दिया है। इनमें से सात कंपनियों की दावों में गुणवत्ता की कमी पाई गई थी। इनमें टॉरेंट फार्मा (77.5 करोड़), हेटेरो लैब्स (60 करोड़), जायडस हेल्थकेयर (29 करोड़), सिप्ला (39.2 करोड़), ग्लेनमार्क (9.75 करोड़), आईपीसीए लैबोरेटरीज (13.5 करोड़) और इंटास फार्मास्यूटिकल (20 करोड़) शामिल हैं। ये कंपनियाँ दवा गुणवत्ता परीक्षण में फेल होने या जांच के दायरे में होने के बावजूद बॉन्ड खरीदकर चंदा दे रही थीं।

यह जानकारी एसबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किए गए आंकड़ों, चुनाव आयोग के आंकड़ों, स्वतंत्र पत्रकारिता प्लेटफॉर्म्स और मीडिया रिपोर्ट्स से ली गई है। 

छिंदवाड़ा वाली कंपनी ने किसी को चंदा नहीं दिया

श्री दिग्विजय सिंह ने छिंदवाड़ा में 26 बच्चों की मृत्यु के मामले को मुद्दा बनाकर यह प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने चंदा लेकर कंपनी को जहरीली दवा बनाने की छूट दे दी। छिंदवाड़ा में जिस कंपनी की दवाई से 26 बच्चों की मृत्यु हुई है उसका नाम श्रीसन फार्मास्युटिकल्स है, और उसने किसी भी पॉलीटिकल पार्टी को इलेक्टरल बॉन्ड के माध्यम से कोई डोनेशन नहीं दिया। जिस दवाई से मृत्यु हुई, उस दवाई का बाजार मूल्य ₹4.50 था और कंपनी इतनी छोटी और घटिया थी कि रसोई गैस के चूल्हे पर पतीले मैं कफ सिरप बनाया जा रहा था। रिपोर्ट: उपदेश अवस्थी। 
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