भोपाल, 29 अक्टूबर 2025: मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में रिक्त पदों के विरुद्ध लंबे समय से कार्य करने वाले अतिथि विद्वानों के सामने फ़िर एक नया संकट सामने आने लगा है। बल्कि ये कह लिया जाए की समय समय पर सरकारें आती जाती रहती है लेकिन अतिथि विद्वानों के भविष्य सुरक्षा के लिए आज़ तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है इससे अतिथि विद्वानों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। जैसा की विदित हो असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया जारी है और लगातार नियुक्ति विषयवार हो रहीं है और उन नए अभ्यर्थियों की नियुक्ति से लंबे समय से कार्य कर रहे अतिथि विद्वानों क़ो फालेन आउट किया जा रहा है जिसको लेकर अतिथि विद्वानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। अतिथि विद्वानों के पढ़ाए हुए विद्यार्थियों से ही अनुभवी योग्य विद्वान बाहर हो रहें है।
अतिथि विद्वानों ने कहा स्थाइत्व समायोजन होने से ही होगा समस्या का हल
अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अविनाश मिश्रा ने बताया की आज़ सैकड़ों की संख्या में अतिथि विद्वान फालेन आउट हो गए है और आगामी समय में इनकी संख्या हजारों तक होने वाली है इसलिए सरकार क़ो तत्काल ठोस नीति अपनाते हुए स्थाइत्व दिया जाए अतिथि विद्वानों क़ो जिससे बार बार अंदर बाहर का खेल ही ख़त्म हो जाए।वहीं मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पाण्डेय ने कहा की सरकार एवं शीर्ष अधिकारी काफ़ी संवेदनशील हैं और उसी संवेदनशीलता के साथ हरियाणा सरकार से भी ज्यादा अच्छी पॉलिसी लाकर ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करें जिससे ये फालेन आउट की समस्या ही ख़त्म हो जाए।
उच्च शिक्षा विभाग से आग्रह है की पूर्व में ज़ो नियम था उस नियम क़ो लागू करते हुए फालेन आउट अतिथि विद्वान क़ो सम्बंधित महाविद्यालय ज़िला एवं संभाग स्तर पर ज़ो भी पद रिक्त हैं उन्ही में समायोजित करते हुए उनके रोजगार क़ो यथावत रखते हुए अतिथि विद्वानों के भविष्य क़ो सुरक्षित किया जाए। डॉ देवराज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष महासंघ।
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