दीपावली, महालक्ष्मी की आराधना का पर्व है। भारत में मां लक्ष्मी की पूजा कई रूपों में की जाती है। शास्त्रों में उल्लेख है कि देवी लक्ष्मी के अलग-अलग स्वरूप जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में सुख-संपन्नता का आशीर्वाद देते हैं। इसलिए हम आपको बता रहे हैं कि दीपावली के अवसर पर किस प्रकार की लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली के अवसर पर क्या करना चाहिए।
1. धन लक्ष्मी – भौतिक धन और संपत्ति की देवी
जो लोग धन संपत्ति की कामना करते हैं। सभी प्रकार के इन्वेस्टर्स और सभी प्रकार के बिजनेसमैन दीपावली के दिन धनलक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष विधान करते हैं। कुछ लोगों को इसका ज्ञान नहीं है परंतु परिवार की परंपरा के अनुसार वह भी यही पूजा करते हैं।
क्या करें: चांदी या तांबे के कलश में जल भरकर उस पर नारियल रखकर दीप जलाएं।
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
तिजोरी, लॉकर और बहीखाते की पूजा करें।
शंख और घंटी से ध्वनि करें, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
2. धान्य लक्ष्मी – अनाज, भोजन और समृद्धि की देवी
मूल रूप से किसान और खाद्य पदार्थों से संबंधित सेवा कार्य एवं व्यवसाय करने वाले लोगों को यह पूजा करना चाहिए।
क्या करें: अनाज का छोटा ढेर बनाकर उस पर दीपक जलाएं।
माँ लक्ष्मी को खीर, फल और पके चावल का भोग लगाएं।
“ॐ धान्यलक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
दीपावली के त्यौहार के अवसर पर निर्धन लोगों को को भोजन या अन्न दान करें।
3. गज लक्ष्मी – शक्ति, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की देवी
राजनीति, शासन और प्रशासन से जुड़े हुए लोग समाज में मान-सम्मान और प्रभाव की वृद्धि के लिए यह पूजा करना चाहिए।
क्या करें: घर के मुख्य द्वार पर दोनों ओर दीप जलाएं (जैसे गज लक्ष्मी के हाथों में दीप)।
लाल या गुलाबी कमल का फूल माँ लक्ष्मी को अर्पित करें।
“ॐ गजलक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
4. विजय लक्ष्मी – साहस, सफलता और विजय की देवी
सभी प्रकार के खिलाड़ी, किसी भी प्रकार के चुनाव की तैयारी करने वाले प्रत्याशी, किसी भी प्रकार की प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे व्यापारी, अथवा जीवन में किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता अथवा प्रतिस्पर्धा का सामना करने वाले लोगों को और मूल रूप से कोर्ट केस जीतने के लिए यह विशेष पूजा करनी चाहिए।
क्या करें: माँ लक्ष्मी के सामने एक घी का अखंड दीपक जलाएं।
“ॐ विजयलक्ष्म्यै नमः” का 108 बार जाप करें।
अपने कार्यक्षेत्र या दुकान में लाल पुष्प रखें।
5. संतान लक्ष्मी – संतान सुख और परिवार की वृद्धि
यह पूजा संतान प्राप्ति के लिए तो होती है परंतु इसके अलावा अपनी संतान के स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन में सफलता के लिए भी माता-पिता द्वारा यह पूजा की जानी चाहिए।
क्या करें: बाल गोपाल के पास दीपक जलाकर माँ लक्ष्मी को दूध और मिश्री का भोग लगाएं।
“ॐ संतानलक्ष्म्यै नमः” का 108 जाप करें।
6. विद्यालक्ष्मी – ज्ञान और बुद्धि की देवी
16 वर्ष से अधिक आयु के विद्यार्थी एवं प्रतियोगिकी परीक्षाओं की उम्मीदवारों को शिक्षा, करियर और निर्णय क्षमता में वृद्धि के लिए यह विशेष पूजा करना चाहिए।
क्या करें: माँ सरस्वती और लक्ष्मी दोनों की संयुक्त पूजा करें।
अपने अध्ययन स्थल पर दीप जलाएं।
“ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः” का जाप करें।
7. अदिलक्ष्मी (आदि लक्ष्मी) – आध्यात्मिक लक्ष्मी
मन की शांति, आत्मिक शक्ति, मोक्ष का मार्ग प्रशांत करने के लिए दीपावली के दिन यह विशेष पूजा की जाती है।
क्या करें: ध्यान और प्रार्थना करें, माला जप के साथ “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
सफेद वस्त्र पहनकर शांत मन से आराधना करें।
अतिरिक्त सुझाव:
दीपावली की रात कुबेर देव और गणेश जी के साथ महालक्ष्मी की पूजा करें।
घर के दरवाज़े और मुख्य प्रवेश द्वार को स्वच्छ रखें और वहाँ आल्ता या हल्दी से “शुभ-लाभ” और स्वस्तिक बनाएं।
तुलसी के पौधे के पास दीप जलाना भी अत्यंत शुभ माना गया है।
लेखक: आचार्य कमलांश (ज्योतिष विशेषज्ञ)।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी पद्म पुराण, स्कंद पुराण, लक्ष्मी उपनिषद, ऋग्वेद और विष्णु पुराण इत्यादि शास्त्रों एवं गुरुजनों के मार्गदर्शन के आधार पर दी गई है। किसी भी वैज्ञानिक ने इनका कोई परीक्षण नहीं किया है। यह श्रद्धा पर आधारित पूजा पद्धति है। कृपया अपनी परंपरा और श्रद्धा का पालन करें।