पुराने जमाने में डकैतों को और आजकल आतंकवादियों को इस प्रकार की मदद पहुंचाई जाती है लेकिन इसके अलावा रेप के मामलों में भी ऐसा होते हुए अक्सर देखा गया है। अपराध को facilitate करने वाला अक्सर सोचता है कि वह क्राइम नहीं कर रहा है इसलिए उसको सजा नहीं होगी। आज हम आपको बता रहे हैं, हत्या, बलात्कार और डकैती इत्यादि जैसे गंभीर अपराध करने वाले तो कठोर सजा पाते ही हैं लेकिन इस प्रकार के अपराध को facilitate करने वाले का क्या होता है:-
BNS की धारा 58 क्या है? - What is Section 58 of BNS?
BNS की धारा 58 उस व्यक्ति को दंडित करती है जो किसी गंभीर अपराध को सुविधाजनक (facilitate) बनाने के इरादे से या यह जानते हुए कि उसके कृत्य से ऐसा अपराध होने की संभावना है, उसकी योजना को छिपाता है।
यह धारा उन अपराधों पर लागू होती है जो:
1. मृत्युदंड (Death) से दंडनीय हैं।
2. आजीवन कारावास (Imprisonment for life) से दंडनीय हैं।
इस सेक्शन के तहत अपराध तब होता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर (voluntarily) किसी ऐसी योजना या डिज़ाइन (design) के अस्तित्व को छिपाता है जो उपरोक्त गंभीर अपराधों को करने के लिए बनाई गई है।
छुपाने के तरीके - Methods of Concealment
छिपाने का यह कार्य कई तरीकों से किया जा सकता है:
• कार्य या चूक (Act or omission): यह या तो कोई सक्रिय कार्य हो सकता है (जैसे किसी सबूत को नष्ट करना) या कोई चूक हो सकती है (जैसे जानकारी न देना)।
• झूठा प्रतिनिधित्व (False representation): यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर उस योजना के संबंध में कोई झूठी जानकारी देता है, तो वह भी इस धारा के तहत अपराधी होगा।
• तकनीकी माध्यम (Technological Means): BNS में एक महत्वपूर्ण आधुनिक बदलाव यह है कि इस धारा में स्पष्ट रूप से एन्क्रिप्शन (encryption) या किसी अन्य सूचना छिपाने वाले उपकरण (any other information hiding tool) का उपयोग करके योजना को छिपाना भी शामिल किया गया है।
Illustration for clarity
इस प्रावधान को एक उदाहरण से समझते हैं जो BNS में ही दिया गया है: मान लीजिए, चंदू को पता है कि चाची के मायके में डकैती (dacoity) होने वाली है (डकैती आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध हो सकता है)। चंदू, मजिस्ट्रेट को जानबूझकर झूठी जानकारी देता है कि डकैती ताई जी के मायके में होने वाली है, जो चाची के मायके से विपरीत दिशा में है। चंदू का इरादा मजिस्ट्रेट को गुमराह करना और डकैती को सुविधाजनक बनाना था। यदि डिज़ाइन के अनुसार, चंदू की चाची के मायके में डकैती हो जाती है, तो चंदू इस धारा के तहत दंडनीय होगा। यहां चंदू ने झूठी जानकारी देकर (झूठा प्रतिनिधित्व करके) अपराध की योजना को छिपाने में सहायता की।
BNS 58 Punishment and Penalty
धारा 58 के तहत सजा इस बात पर निर्भर करती है कि जिस गंभीर अपराध की योजना छिपाई गई थी, वह वास्तव में हुआ या नहीं।
(a) यदि वह गंभीर अपराध किया जाता है (If the offence is committed): किसी भी तरह के कारावास (imprisonment of either description) जिसकी अवधि सात वर्ष (seven years) तक बढ़ सकती है। साथ ही जुर्माना (fine) भी देना होगा।
(b) यदि वह गंभीर अपराध नहीं किया जाता है (If the offence is not committed): किसी भी तरह के कारावास (imprisonment of either description) जिसकी अवधि तीन वर्ष (three years) तक बढ़ सकती है। साथ ही जुर्माना (fine) भी देना होगा।
Conclusion
भारतीय न्याय संहिता की धारा 58 यह सुनिश्चित करती है कि न केवल अपराध करने वाले को, बल्कि जानबूझकर अपराध की योजना को छिपाने वाले या झूठी जानकारी देकर उसे सुविधाजनक बनाने वाले व्यक्ति को भी दंडित किया जाए। सूचना छिपाने के लिए एन्क्रिप्शन जैसे आधुनिक उपकरणों के उपयोग को शामिल करके, BNS ने कानून को डिजिटल युग की चुनौतियों के अनुकूल बनाया है, जिससे न्याय प्रणाली मजबूत होती है। यह धारा यह स्पष्ट करती है कि गंभीर अपराधों की साजिशों में निष्क्रिय भागीदारी या जानबूझकर छिपाव भी कानून की नजर में एक गंभीर अपराध है।
✍️लेखक: उपदेश अवस्थी, पत्रकार एवं विधि सलाहकार। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।