नई दिल्ली। BSc Agriculture में एडमिशन की तैयारी कर रहे स्टूडेंट के लिए बड़ी खबर है। अब नेशनल लेवल के एग्रीकल्चर कॉलेज में एडमिशन का तरीका बदल गया है। अगले साल बीएससी एग्रीकल्चर में एडमिशन के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा होगी।
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और सब्जेक्ट ग्रुप एक समान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि, देश के कृषि विश्वविद्यालयों में BSc Agri की 20 फीसद सीटें ICAR की अखिल भारतीय प्रतियोगी परीक्षा CUET-ICAR के जरिए भरी जाएंगी। इस फैसले से 'एक देश-एक कृषि-एक टीम' की तर्ज पर पूरे हिंदुस्तान के छात्रों के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और सब्जेक्ट ग्रुप एक समान हो गए हैं, जिससे 12वीं में बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स या एग्रीकल्चर स्ट्रीम चुनने वाले तमाम तालिब इल्म बराबरी का मौका पाकर ट्रांसपेरेंट एडमिशन हासिल कर सकेंगे।
विषय की विविधता के कारण योग्य छात्र-छात्राएं पीछे छूट जाते थे
मंत्री महोदय ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि पिछले कुछ वर्षों से BSc Agri में दाखिले की प्रक्रिया में अक्षम पात्रता मानदंड एक बड़ी बाधा बने हुए थे। विभिन्न राज्यों के अलग-अलग नियमों और 12वीं कक्षा में विषय संयोजनों जैसे: एग्रीकल्चर, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स या मैथ्स, की विविधता के कारण योग्य छात्र-छात्राएं पीछे छूट जाते थे। सोशल मीडिया पर विद्यार्थियों की गुहार और कुछ राज्यों के जनप्रतिनिधियों के पत्रों ने इस मुद्दे को उजागर किया। श्री चौहान ने तुरंत संज्ञान लेते हुए ICAR के महानिदेशक डॉ. मांगी लाल जाट को निर्देश दिए कि वे राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों और कुलपतियों के साथ तत्परता से विचार-विमर्श कर इसका हल निकालें।
कृषि शिक्षा की जटिलताएं मिट जाएंगी
इस त्वरित कार्रवाई का परिणाम यह हुआ कि अब CUET-ICAR परीक्षा के तहत पात्रता मानदंड एवं विषय समूह को एकसमान कर दिया गया है। 12वीं में बायोलॉजी, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित या कृषि विषयों का समूह चुनने वाले सभी विद्यार्थी बराबर अवसरों के साथ पारदर्शी तरीके से दाखिला पा सकेंगे। श्री शिवराज सिंह ने ICAR की टीम और विश्वविद्यालय कुलपतियों की सराहना करते हुए कहा, "इससे देशभर के छात्र-छात्राओं के लिए प्रवेश के द्वार सुगम एवं समान हो गए हैं। लगभग तीन हजार विद्यार्थी सीधे लाभान्वित होंगे, और कृषि शिक्षा की जटिलताएं मिट जाएंगी।"
विस्तृत आंकड़ों पर नजर डालें तो BSc Agri में ICAR कोटे वाली 50 कृषि विश्वविद्यालयों में से 42 ने ABC (एग्रीकल्चर, बायोलॉजी, केमिस्ट्री) संयोजन को पात्रता के रूप में स्वीकार कर लिया है, जो मुख्यतः इंटर-एग्रीकल्चर छात्रों के लिए उपयुक्त है। तीन विश्वविद्यालयों ने PCA (फिजिक्स, केमिस्ट्री, एग्रीकल्चर) को भी मान्यता दी है। 2025-26 सत्र में कुल 3121 उपलब्ध सीटों में से करीब 2700 (85 प्रतिशत) 12वीं कृषि विषय वाले छात्रों के लिए आरक्षित होंगी। शेष पांच विश्वविद्यालय, जहां बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की मंजूरी बाकी है, ने आश्वासन दिया है कि वे 2026-27 से कृषि विषय को शामिल करेंगे। कुलपतियों से चर्चा जारी है, ताकि इसी सत्र से शुरुआत हो सके।
यह सुधार न केवल कृषि क्षेत्र के भावी कृषकों को मजबूत बनाएगा, बल्कि ग्रामीण विकास की नींव को भी सशक्त करेगा। मंत्री श्री चौहान की संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि किसान कल्याण उनके हृदय में विराजमान है। न्यूज़ सोर्स: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार; एडिटिंग: सरिता शुक्ला।