BhopalSamachar: मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने राजधानी भोपाल में कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला को हीरो बना दिया। बिल जमा नहीं होने का कारण बात कर पहले गोकुलधाम सोसायटी की बिजली काटी और फिर कंपनी के अधिकारी ने मनोज शुक्ला को कनेक्शन जोड़ने की अनुमति दे दी। तालिया की गड़गड़ाहट के बीच कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने गोकुलधाम सोसाइटी का कटा हुआ बिजली कनेक्शन जोड़ा, और अब इस घटना का प्रचार करवाया जा रहा है।
पहले बिजली काट कर पब्लिक को परेशान किया
गोकुलधाम सोसायटी, भोपाल शहर के गांधीनगर स्थित जेल के पास है। जहां करीब 400 परिवार निवास करते हैं। इस समिति के बिल्डर (द्वारकाधीश हवेली बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड) कॉलोनी में रहने वाले लोगों से बिजली का बिल कलेक्ट करते हैं और बिजली कंपनी में जमा करवाते हैं। सोमवार दोपहर में कंपनी ने सोसायटी का कनेक्शन काट दिया। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि, बिल्डर द्वारा बिजली का बिल जमा नहीं किया गया है। अचानक बिजली कट जाने के कारण कॉलोनी के लोग पूरी रात अंधेरे में रहे। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि, उनके द्वारा बिजली का बिल जमा किया जा चुका है। बिल्डर से बकाया वसूली के लिए कोई दूसरा रास्ता निकालें, लेकिन अधिकारी नहीं माने।
फिर नेता को हीरो बनाया
फिर मंगलवार की दोपहर INC (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी) के नेता मनोज शुक्ला अपने समर्थकों के साथ कॉलोनी में पहुंचे। यहां उन्होंने साउथ इंडियन फिल्मों के हीरो की तरह कॉलोनी वालों के बीच में खड़े होकर बिजली कंपनी के किसी अधिकारी से बात की और फिर खुद ही 32 केवीए की लाइन को चालू कर दिया। इस मौके पर सोसायटी की अध्यक्ष सुजाता पांडे, दीपक दीवान, विवेक शर्मा, अशोक सक्सेना, सुरेश सक्सेना, जगदीश शर्मा, आरके सोनी आदि उनके साथ थे।
कुछ सवाल जो अधूरे हैं:-
- बिजली कंपनी के अधिकारियों ने कॉलोनी के लोगों को डायरेक्ट बिजली कनेक्शन क्यों नहीं दिया। बिल्डर को अपना एजेंट क्यों बनाया।
- जब पब्लिक ने बिजली कंपनी के एजेंट को पैसे दे दिए थे तो उनका कनेक्शन क्यों काटा।
- यदि नियम के अनुसार कनेक्शन काट दिया था तो किसी नेता को कनेक्शन जोड़ने की परमिशन क्यों दी।
इस पूरे खेल में तीनों पार्टियों ने बिल्डर को बड़ी चतुराई से बचा लिया। बिजली कंपनी और रेजिडेंशियल सोसायटी की ओर से अमानत में खयानत का मामला दर्ज करवाना चाहिए था, लेकिन नहीं करवाया गया। कांग्रेस के नेता मनोज शुक्ला ने पब्लिक के बीच में आकर बिजली कंपनी के अधिकारी से बात की, लेकिन बिल्डर को फटकार नहीं लगाई।