एक बार फिर सिस्टम पर सवाल खड़ा हुआ है। पुलिस की इन्वेस्टीगेशन और न्यायालय की धीमी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हुआ है। एक फार्मेसी स्टूडेंट को उसकी पत्नी की दहेज हत्या के आरोप में न केवल गिरफ्तार किया गया बल्कि पुलिस इन्वेस्टिगेशन में उसे दोषी बताया गया और न्यायालय की धीमी प्रक्रिया के कारण वह ढाई साल तक जेल में रहा। ढाई साल बाद कोर्ट ने कहा कि तुमने तो लव मैरिज की है। लड़की के पिता शादी में शामिल तक नहीं थे। फिर दहेज का तो प्रश्न ही नहीं उठाता। तुम निर्दोष हो और तुम्हें रिहा किया जाता है। सवाल यह है कि यदि वह अपराधी नहीं था तो ढाई साल तक जेल में क्यों रखा और यदि रखा तो इसका जिम्मेदार कौन है।
उमाशंकर सिंगरौली से भोपाल पढ़ने के लिए आया था
स्टूडेंट का नाम उमाशंकर साहू है। सिंगरौली का रहने वाला है। भोपाल में पढ़ने के लिए आया था। यहीं पर रिंकू नाम की लड़की से अफेयर हो गया और फिर दोनों ने लव मैरिज कर ली। रिंकू के पिता इस शादी से सहमत नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी से रिश्ता तोड़ लिया। उमाशंकर बेरोजगार था, जबकि उसकी पत्नी रिंकू प्राइवेट जॉब करती थी। रिंकू की सैलरी से ही घर का खर्च चलता था।
उमाशंकर ने ईमानदारी से बताया कि हम दोनों में झगड़ा हुआ था
घटना 5 मई 2023 की कमलानगर थाना क्षेत्र की है। उमाशंकर ने पुलिस को सूचना दी थी कि वह कोटरा सुल्तानाबाद में किराए के मकान में रहता है। घटना की दोपहर 1:00 बजे के करीब उसकी पत्नी से बाजार जाने की बात को लेकर लड़ाई हो गई थी। इसके बाद वह घर के बाहर चौराहे पर आ गया था। इसके 15 मिनट बाद जब वह घर वापस गया, तो देखा की पत्नी की डेड बॉडी फांसी पर लटकी हुई है। 26 दिसंबर 2022 को उसने मृतका के साथ मंदिर में लव मैरिज की थी।
पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन में सबको अपराधी घोषित कर दिया था
मृतका के पिता ने थाने में लिखित शिकायत की, इसमें उन्होंने कहा था कि पति उमाशंकर, जेठ रमाशंकर और ससुर लाल कुमार साहू उसकी बेटी रिंकू के साथ मारपीट करते हैं। वे लोग दहेज में एक लाख रुपए और बोलेरो कार की मांग कर रहे थे। जिससे प्रताड़ित होकर रिंकू ने फांसी लगाई थी। पुलिस ने पिता की इस शिकायत के बाद तीनों को के खिलाफ मामला दर्ज किया और 23 मई 2023 को पति उमाशंकर साहू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने अपनी इन्वेस्टिगेशन में तीनों को दहेज मांगने का दोषी घोषित करते हुए कोर्ट में सजा का निर्धारण करने के लिए चार्ज शीट पेश की।
कोर्ट में न्याय के लिए लंबी लड़ाई चली। अंत में न्यायालय ने पाया कि, उमाशंकर और रिंकू ने परिवार की मर्जी के खिलाफ लव मैरिज की थी। मंदिर में शादी हुई थी और शादी में पिता शामिल नहीं हुए थे। ऐसी स्थिति में दहेज का तो सवाल ही नहीं उठाता। निर्दोष उमाशंकर को न्याय के इंतजार में 860 दिन जेल में रहना पड़ा। उमाशंकर के पिता लाल कुमार 125 दिन जेल में रहे और बड़े भाई रमाशंकर 114 दिन जेल में रहे। जिनका इस घटना से कोई संबंध ही नहीं था। बस एक झूठी शिकायत और गलत इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट के कारण सबको जेल जाना पड़ा। न्याय की लंबी प्रक्रिया के कारण सबको इतने लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा।