धनतेरस के एक दिन पहले जब अस्पताल में पहला मामला आया तभी से BhopalSamachar.com ने सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया था। हजारों सक्रिय और बुद्धिजीवी पाठकों ने साथ दिया, फिर भी 125 बच्चे ‘देसी पटाखा गन’ का शिकार हो गए। दुख है लेकिन संतोष भी है क्योंकि 5000 बच्चे खतरे में थे।
भोपाल समाचार की टीम ने क्या किया था
भोपाल शहर में दीपावली के अवसर पर लगभग 5000 लोगों ने ‘देसी पटाखा गन’ खरीदी थी। यह मूल रूप से कोई आतिशबाजी नहीं है बल्कि एक केमिकल विस्फोट है। इसके कारण बच्चों के अंधे होने और बहरे हो जाने का खतरा है। कलेक्टर लगातार प्रेस को बयान जारी करते रहे कि उनकी टीम पटाखे की बिक्री पर पूरा नियंत्रण किए हुए हैं लेकिन ‘देसी पटाखा गन’ के बारे में कलेक्टर ने कोई अपील जारी नहीं की। यहां तक की स्वयंभू मामा शिवराज सिंह अपने बेटे बहू के साथ दीपावली मना रहे थे। भोपाल में ही थे और खुद भी किसान है इसलिए उन्हें इसके बारे में मालूम है, फिर भी उन्होंने कोई अपील नहीं की। BhopalSamachar.com की टीम (कार्यरत सदस्य और जागरूक पाठकगण) ने अभियान शुरू किया। सोशल मीडिया पर लगातार अपील की। लोगों को बताया कि, ‘देसी पटाखा गन’ के नाम पर जो बेच दिया गया है, वह कोई पटाखा नहीं है बल्कि एक खतरनाक उपकरण है। इस अभियान का असर दिखाई दिया। संतोष है लेकिन दुख भी है क्योंकि 125 बच्चों के पेरेंट्स के पास तक हमारा मैसेज नहीं पहुंच पाया।
देसी पटाखा गन से दीपावली पूजा के पहले तक 125 बच्चे घायल
इस समाचार में हम ना तो उस केमिकल नाम बताएंगे और ना ही देसी पटाखा गन का चित्र अथवा उसको बनाने का तरीका या फिर कुछ भी ऐसा बताएंगे जो, इस प्रकार के खतरनाक खिलौने बनाने में किसी भी शरारती व्यक्ति की मदद कर सके। हम सिर्फ यह समाचार देना चाहते हैं कि दीपावली पूजा के पहले तक (21 अक्टूबर शाम 7:00 बजे तक) भोपाल के अस्पतालों में 125 बच्चे भर्ती हो चुके थे। गांधी मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में डॉ. एस.एस. कुबरे और डॉ. अदिति दुबे समेत 5 रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम इमरजेंसी ड्यूटी पर लगातार काम करती रही। टीम से मिली जानकारी के अनुसार, इस गन से आंखों की कॉर्निया बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
कलेक्टर की टीम फेल: हर दुकान से 8-10 देसी पटाखा गन की बिक्री हुई
कलेक्टर ने प्रेस को बताया था कि पूरे शहर में उनकी टीम सक्रिय है। किसी भी प्रकार के अवैध एवं खतरनाक पटाखे की बिक्री नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए जंबूरी मैदान और आनंद नगर में पटवारी सुरेंद्र यादव, आशीष मिश्रा, टीआईटी गोविंदपुरा में महेश राजन, विमलेश गुप्ता, करोंद कलां में फजल अब्बास, लेखराज लोधी और छोला क्षेत्र में नीरज विश्वकर्मा, रविंद्र मार्को को तैनात किया गया था। सभी SDM को लगातार राउंड पर रहने के निर्देश दिए गए थे लेकिन लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पूरे भोपाल में आतिशबाजी की हर दुकान से 8-10 देसी पटाखा गन की बिक्री हुई। जबकि सिर्फ बैरासिया में प्रशासन ने 19 कार्बाइड पाइप गन जब्त की गई। बाकी शहर में कहीं कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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