पेंशनरों और उनके परिवारों के लिए महंगाई राहत (Dearness Relief) एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहारा है, जो बढ़ती महंगाई के असर को कम करने में मदद करती है। इसी दिशा में, मध्य प्रदेश सरकार ने 15 अक्टूबर, 2025 को एक नया आदेश जारी किया है, जिसमें पेंशनरों के लिए महंगाई राहत में बड़ी बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। इस आदेश के अनुसार, सातवें वेतनमान के लिए दरें बढ़कर 55% और छठे वेतनमान के लिए 252% हो गई हैं। पहले आदेश जारी करने की थोड़ी देर बाद संशोधित आदेश जारी किया गया। इस न्यूज़ में आपको इस आधिकारिक घोषणा की पाँच सबसे महत्वपूर्ण और आश्चर्यजनक बातों को एक विशेषज्ञ विश्लेषण के साथ सरल भाषा में बताने का प्रयास है।
1. कितनी बढ़ी महंगाई राहत और कब से मिलेगा पैसा?
मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग, वल्लभ भवन-मंत्रालय-भोपाल द्वारा जारी संशोधित आदेश क्र. एफ 9-2/2025/नियम/चार भोपाल, दिनांक 15 अक्टूबर, 2025 के आदेशानुसार, सातवें वेतनमान के पेंशनरों के लिए महंगाई राहत 2% बढ़कर कुल 55% कर दी गई है, जबकि छठे वेतनमान के लिए यह 6% बढ़कर कुल 252% हो गई है। यह नई दरें 1 सितंबर, 2025 से प्रभावी होंगी, और सितंबर महीने की बढ़ी हुई राशि का भुगतान पेंशनरों को अक्टूबर 2025 की पेंशन के साथ किया जाएगा।
2. इस बढ़ोतरी का छत्तीसगढ़ से क्या है कनेक्शन?
यह जानना काफी दिलचस्प है कि मध्य प्रदेश सरकार के इस फैसले का सीधा संबंध छत्तीसगढ़ राज्य से है। यह वृद्धि इसलिए स्वीकृत की गई क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 अगस्त, 2025 को एक पत्र भेजकर मध्य प्रदेश सरकार से इसकी सहमति मांगी थी, जो मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक है। इसका कारण यह है कि वर्ष 2000 में राज्य के विभाजन से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की पेंशन देनदारियों को दोनों राज्यों के बीच साझा किया जाता है। यह दिखाता है कि कैसे ऐतिहासिक राज्य पुनर्गठन आज भी अंतर-राज्यीय वित्तीय निर्णयों को प्रभावित करते हैं।
3. जिन्होंने पेंशन का कुछ हिस्सा एकमुश्त ले लिया है, उनका क्या?
कई पेंशनर अपनी पेंशन का कुछ हिस्सा एकमुश्त (Commuted Pension) ले लेते हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी पेंशनर ने ऐसा किया है, तब भी महंगाई राहत की गणना उनकी मूल यानी पूरी पेंशन पर ही की जाएगी। यह ऐसे पेंशनरों के लिए एक बहुत ही लाभकारी नियम है। यानी, अगर आपकी मूल पेंशन ₹20,000 है और आपने उसका कुछ हिस्सा एकमुश्त ले लिया है, तब भी महंगाई राहत की गणना पूरे ₹20,000 पर ही होगी।
आदेश में इस नियम का स्पष्ट उल्लेख है:
"Pensioners, who have commuted a part of their pension, shall be paid the dearness relief on their original pension (pension before commutation)."
4. अनुकंपा नियुक्ति वालों के लिए एक ज़रूरी शर्त
पारिवारिक पेंशन (Family Pension) पर महंगाई राहत के लिए एक बहुत ही विशिष्ट शर्त है। आदेश के अनुसार, पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत उस स्थिति में नहीं दी जाएगी, जहां किसी व्यक्ति को अपने जीवनसाथी की मृत्यु के कारण अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिली हो। इसके विपरीत, यदि पति या पत्नी की मृत्यु के समय जीवित जीवनसाथी पहले से ही सरकारी सेवा में था, तो वे पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत के पात्र होंगे। यह शर्त यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सरकारी सहायता का दोहराव न हो, क्योंकि अनुकंपा नियुक्ति स्वयं एक प्रकार की वित्तीय सहायता है।
5. 80+ उम्र वालों से लेकर रुपये के राउंड-ऑफ तक: कुछ और महत्वपूर्ण बातें
मुख्य घोषणाओं के अलावा, इस आदेश में कुछ और भी सकारात्मक और महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं:
80+ वर्ष के पेंशनर: जो पेंशनर 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं, उन्हें उनकी अतिरिक्त पेंशन (Additional Pension) पर भी इस बढ़ी हुई महंगाई राहत का लाभ मिलेगा।
रुपये का राउंड-ऑफ: यदि महंगाई राहत की गणना में राशि पैसे में (fraction of a rupee) आती है, तो उसे अगले उच्चतर रुपये में पूर्णांकित (rounded off) किया जाएगा।
लागू होने वाली पेंशनें: यह राहत विभिन्न प्रकार की पेंशनों पर लागू होगी, जिसमें अधिवार्षिकी (Superannuation), सेवानिवृत्ति (Retiring), असमर्थता (Inability), क्षतिपूर्ति (Compensation) पेंशन, अनुकंपा भत्ता (Compassionate Allowance) और असाधारण पेंशन (extraordinary pension) शामिल हैं।
रिपोर्ट: शोएब सिद्दीकी (सेवानिवृत्ति शासकीय कर्मचारी)।
इस आदेश में दिए गए नियमों, विशेषकर अनुकंपा नियुक्ति से जुड़ी शर्त पर आपकी क्या राय है? कृपया इस न्यूज़ के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए।