देवउठनी, देवथान, देव प्रबोधिनी एकादशी 2025 की शास्त्र सम्मत तारीख एवं पूजा का मुहूर्त

एक बार फिर वही प्रश्न आ गया जो अक्सर भारतीय तीज त्यौहार के मुहूर्त को लेकर उपस्थित हो जाता है। देवउठनी एकादशी अथवा देवठान अथवा देव प्रबोधिनी एकादशी कब है। भगवान श्री हरि विष्णु को योग निद्रा से कब जगाना है और तुलसी विवाह कब करना है। 1 नवंबर को या 2 नवंबर को। मैं इस प्रश्न का शास्त्र सम्मत उत्तर दूंगा, इसके बाद आपके मन में कोई संशय नहीं रह जाएगा। कृपया ध्यान पूर्वक पढ़िए:- 

एकादशी का निर्धारण सूर्य से नहीं चंद्रमा से होता है

आप सभी भली प्रकार से जानते हैं कि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान श्री हरि विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को समस्त देवी देवता, अंतरिक्ष पृथ्वी और पाताल में जीवित सभी प्राणी, अपने प्राण कारक श्री हरि विष्णु को विनय पूर्वक योग निद्रा से जगाते हैं और महादेव प्रकृति का संचालन भगवान विष्णु को वापस सौंप देते हैं। इसके बाद तुलसी विवाह कराया जाता है और इसी के साथ वैवाहिक कार्यक्रम इत्यादि शुभ कार्यों का प्रारंभ हो जाता है। भारतीय लोक परंपरा में देवठान को दीपावली फेस्टिवल का अंतिम दिन माना जाता है इसलिए यह त्यौहार भी चंद्रमा के उदय के बाद ही मनाया जाता है। 

देवउठनी, देवथान, देव प्रबोधिनी एकादशी 2025 की शास्त्र सम्मत तारीख

जैसा की स्पष्ट हो गया है की एकादशी तिथि का निर्धारण चंद्रमा से होता है। इसलिए पंचांग के अनुसार जिस दिन एकादशी तिथि चंद्रमा का उदय हो उसी दिन देवउठनी एकादशी का उत्सव मनाना चाहिए। भारत के सभी क्षेत्रीय पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का प्रारंभ दिनांक 1 नवंबर को 09:11 AM के आस-पास होगा और दिनांक 2 नवंबर को प्रातः काल 07:30 AM के आसपास एकादशी तिथि का समापन हो जाएगा। इस प्रकार कोई डिबेट नहीं है कि एकादशी के चंद्रमा का उदय दिनांक 1 नवंबर 2025 को होगा और इसी दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। 

देवउठनी, देवथान, देव प्रबोधिनी एकादशी 2025 का मुहूर्त टाइम

जो लोग एकादशी का व्रत रखने वाले हैं उनको 1 नवंबर को 09:11 AM के बाद प्रातः काल की पूजा करना चाहिए। देव उठानी एकादशी की पूजा पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में, ध्रुव योग में, शुभ योग में रात 9:00 बजे से 10:00 बजे तक अथवा अमृत योग में 10:30 बजे से 12:00 बजे तक करना सर्वोत्तम होगा। लेखक: आचार्य कमलांश (ज्योतिष विशेषज्ञ)
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