WEATHER FORECAST: सर्दी के मौसम को लेकर IMD की भविष्यवाणी, जानिए आपके यहां क्या होगा

Bhopal Samachar
India Meteorological Department अर्थात भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सर्दी के मौसम के लिए पहली भविष्यवाणी जारी कर दी गई है। भारत में सर्दी कैसी होगी, इसका निर्धारण प्रशांत महासागर से उठने वाली हवाओं से होता है। इन हवाओं को El Nino और La Nina के नाम से जाना जाता है। आईए जानते हैं कि भारत सरकार के मौसम वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर की गतिविधियों को देखने के बाद क्या बताया है:- 

El Nino & La Nina Effect on India:

इस साल मॉनसून में उतार-चढ़ाव बार-बार देखने को मिला है। देश के अधिकांश राज्यों में एक साथ गर्मी का प्रकोप था, जिससे लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। वहीं, जब बारिश हुई तो कई राज्यों को भी डुबा ले गई। अब सर्दियों को लेकर भविष्यवाणी की जा रही है कि ला नीना इफेक्ट से बहुत ज्यादा सर्दियां पड़ सकती है। इस बार के मौसम को देखते हुए माना जा रहा है कि El Nino और La Nina का असर ज्यादा दिखा है। आखिर क्या हैं ये दोनों घटनाएं और कैसे बिगाड़ देती हैं भारत का मौसम? जानिए इस रिपोर्ट में:-

El Nino का मतलब कैसी हवाएं

अल नीनो या El Nino इफेक्ट से गर्मी ज्यादा पड़ती है। यह एक स्पैनिश शब्द है जिसका अर्थ छोटा बच्चा है। यह दक्षिणी मछुआरों से प्रेरित होकर लिया गया नाम था, जो 1600 के दशक में रखा गया था। इसमें ऐसी घटना होती है जिससे समुद्र में पूर्व से पश्चिम की ओर हवा का बहाव होता रहता है। ये हवाएं गर्म होती हैं, इसलिए पानी का तापमान भी गर्म होता है। अल नीनो इफेक्ट का समय क्रिसमस के आस-पास का होता है। उस वक्त ये पानी एशिया की ओर बहता है।

अल नीनो के प्रभाव से भारत में मॉनसून सही से नहीं या देरी आता है। कई बार मॉनसून आता है लेकिन कमजोर प्रभाव दिखता है। इसमें बरसात कम होती है और मैदानी इलाकों में सूखे का असर देखने को मिलता है, जिससे फसलों को भारी नुकसान होता है। वहीं, इसके विपरीत अमेरिका में अल नीनो के प्रभाव से पश्चिमी तट ठंडे पड़ जाते हैं। ऐसे में वहां नदियों और समुद्र में मछलियां मरने लगती हैं। फ्लोरिडा और खाड़ी क्षेत्रों में बाढ़ और बारिश का खतरा बढ़ जाता है।

La Nina का मतलब कैसी हवाएं

ला नीना, एल नीनो के विपरीत काम करता है। इसमें प्रशांत महासागर का पानी बहुत ज्यादा ठंडा हो जाता है। इससे भी पूरी दुनिया का मौसम प्रभावित हो जाता है। भारत में इसके प्रभाव से बहुत अधिक बारिश और बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है। ला नीना से बहुत ज्यादा ठंड भी होती है। ला नीना का अर्थ छोटी लड़की होता है। इसलिए, इसे अल नीनो की बहन भी कहते हैं।

इस मौसम के पैटर्न में हवाएं अल नीनो से भी ज्यादा तेज गति से चलती है और गर्म पानी एशिया की ओर ज्यादा तेजी से बढ़ता जाता है। माना जा रहा है ला नीना से इस साल भारत में जबरदस्त ठंड पड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश से पहले ही तापमान बहुत हद तक नीचे गिर गया है। ला नीना प्रभाव से दक्षिण अमेरिका में फसलों को नुकसान और सूखे जैसी स्थिति हो जाती है, मगर भारत में फसलों को फायदा होता है। ला नीना से ज्यादा ठंड के साथ बारिश भी होती है। IMD के एक्सपर्ट के मुताबिक, अक्टूबर से दिसंबर के बीच भारत में ला नीना का असर दिखने लगेगा। इसकी 71% तक संभावना बनी हुई है। 2026 में ला नीना का असर धीरे-धीरे कम होने लगेगा। सोर्स: भारत मौसम विज्ञान विभाग, न्यूज़ एडिटर: मोहित मिलन।
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