आधुनिक भारत की फ्रंट लाइन में खड़े पॉलीटिशियंस में से एक केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अपने भाषणों में अक्सर "हिंदवी स्वराज" की बात किया करते हैं परंतु आज उनके ड्राइंग रूम में चीन का ड्रैगन दिखाई दिया। सवाल तो बनता है कि, भगवा पताका लेकर आगे बढ़ रहे भारत के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ड्राइंग रूम में चीन का ड्रैगन क्या कर रहा है?
डॉ मोहन की वैदिक घड़ी का क्या तात्पर्य है
आज दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने श्री सिंधिया को वैदिक घड़ी भेंट की। वैदिक घड़ी, भारत की प्राचीन और प्रामाणिक सभ्यता का आधुनिक संस्करण है। यह घड़ी कहती है कि, भारत की सभ्यता, वसुंधरा की सर्वश्रेष्ठ सभ्यता है। जहां समय, मुहूर्त और पंचांग (अर्थात प्रकृति के पांच अंग) का समान महत्व है। अब जबकि, अंग्रेजी भाषा के विद्वानों द्वारा बनाए गए कैलेंडर और घड़ी, अप्रासंगिक होते जा रहे हैं, समय आ गया है कि वैदिक घड़ी के आधुनिक संस्करण को वैश्विक मान्यता दिलवाई जाए।
चीन की सभ्यता में ड्रैगन का क्या तात्पर्य है
चीन की सभ्यता में ड्रैगन का बड़ा राजनीतिक महत्व है। चीन में ड्रैगन को सम्राट (Emperor) का प्रतीक माना जाता है। शाही-परिवारों में ड्रैगन का चिन्ह सर्वाधिकार और वैभव का प्रतीक है। चीन में धार्मिक मान्यता है कि ड्रैगन सब कुछ नियंत्रित कर सकता है। सिर्फ मानव प्रजाति ही नहीं बल्कि वनस्पति, बारिश, नदियां और समुद्र भी नियंत्रित कर सकता है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ड्रैगन को दिव्य जीव (Divine Creature) माना जाता है। यह इंसानों और देवताओं के बीच सेतु का काम करता है। कुल मिलाकर, चीन की सभ्यता में ड्रैगन साम्राज्य, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। ✒ उपदेश अवस्थी।