भोपाल। ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के ग्यापन को मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भेजा और कहा कि सरकारी विभागों में कार्यरत अस्थाई आउटसोर्स कर्मचारियों को लघु कैडर बनाकर नियमित किया जाए, जिससे उनके साथ हो रहा अन्याय समाप्त हो और वे निश्चिंतता के साथ जीवन यापन कर सकें।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा कि ग्राम पंचायतों के चतुर्थ श्रेणी कर्मियों, स्कूल छात्रावासों, आयुष विभाग के अंशकालीन अस्थाई कर्मचारियों, योग प्रशिक्षक, राजस्व सर्वेयर, स्वच्छताग्राही कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता है, इन्हें न्यूनतम वेतन देकर चौथे दर्जे का स्थाईकर्मी बनाया जाए। आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारियों की नौकरी में सुरक्षा देने के लिए लघु कैडर बनाकर नियमित जाने की बात भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र जरिए उठाई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे पत्र के साथ वह ग्यापन भी संलग्न किया गया है जो 7 सितंबर को हल्लाबोल आंदोलन के जरिए दिया जाने वाला है।
पूर्व मुख्यमंत्री के पत्र की जानकारी मीडिया को साझा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा, निगम मंडल अध्यक्ष अनिल वाजपेयी, कार्यकारी अध्यक्ष डा. अमित सिंह, चौकीदार संघ के अध्यक्ष राजभान रावत, यशवंत गेडाम, अंशकालीन कर्मचारियों के अध्यक्ष उमाशंकर पाठक, नरेश प्रजापति, स्वच्छताग्राही संघ के अध्यक्ष पवन परमार, राजस्व सर्वेयर संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र गोस्वामी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का पीड़ित कर्मचारियों के हित में पत्र लिखने के लिए आभार जताते हुए मुख्यमंत्री से संलग्न ग्यापन पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
7 सितंबर से न्यूनतम वेतन के लिए होगा हल्लाबोल आंदोलन
ग्राम पंचायतों के चौकीदार, पंप आपरेटर, भृत्य, सफाईकर्मी, स्कूलों, आयुष विभाग के अंशकालीन, योग प्रशिक्षक सहित सभी विभागों के अस्थाई आउटसोर्स कर्मचारी 7 सितंबर को हव्लाबोल आंदोलन करेंगे जिसमें हजारों की संख्या में अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारी शामिल होंगे।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के नेतृत्व में होने वाले हल्लाबोल आंदोलन से ग्राम पंचायतों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से पंचायत भवनों के ताले नहीं खुलेंगे, नल जल योजना एवं साफ सफाई जैसे काम प्रभावित होंगे। भोपाल में होने वाले हल्लाबोल आंदोलन में स्कूलों छात्रावासों के अंशकालीन, अस्थाई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सरकारी विभागों के आउटसोर्स कर्मचारी भी हजारों की संख्या में शामिल होंगे।
कर्मचारी नेता अनिल वाजपेयी ने कहा कि सरकार ने चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी की नौकरियां अस्थाई और आउटसोर्स कर दी हैं, जिनमें पंचायतों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों 2 से 3 हजार वेतन मिलता है वहीं स्कूलों छात्रावासों के अंशकालीन अस्थाई कर्मचारियों को 4 से 5 हजार मासिक वेतन दिया जाता है जो बढ़ती हुई महंगाई में भुखमरी का वेतन भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन 12,500 से 16,500 रुपए महीना है, लेकिन सरकार अपने ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से महज 3 से 5 हजार रुपए में काम करा रही है, इसी अन्याय के खिलाफ 7 सितंबर से भोपाल में हल्लाबोल आंदोलन हो रहा है, जिसमें पूरे प्रदेश से हजारों अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारी शामिल होंगे और सरकार से नियमित नौकरी और सम्मानजनक वेतन की मांग करेंगे।

