मध्य प्रदेश में कटनी के विधायक एवं करोड़पति कारोबारी श्री संजय पाठक ने, एक मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जज को डायरेक्ट फोन लगा डाला। इस फोन कॉल पर क्या हुआ यह डिटेल तो नहीं मिली लेकिन मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश श्री विशाल मिश्रा ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया और मामला मुख्य न्यायाधीश के लिए फॉरवर्ड कर दिया। उल्लेख करना उचित होगा कि पिछले 7 दिनों में इस प्रकार की यह दूसरी घटना है। भिंड में भाजपा विधायक ने कलेक्टर को मुक्का मारने की कोशिश की, उनका फोन छीन लिया और 4 घंटे तक वापस नहीं किया। यहां कटनी विधायक ने हाईकोर्ट के न्यायाधीश को इन्फ्लुएंस करने की कोशिश की।
आशुतोष दीक्षित बनाम मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ MP-EOW
श्री आशुतोष दीक्षित इस मामले की याचिकाकर्ता हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश शासन के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के खिलाफ याचिका दाखिल की है। श्री आशुतोष दीक्षित का कहना है कि उन्होंने EOW में अवैध उत्खनन की कई शिकायतें दर्ज करवाई है। पर्याप्त प्रमाण भी दिए हैं परंतु EOW द्वारा उनकी शिकायतों की जांच नहीं की जा रही है। EOW कुछ समय सीमा में बांधने के लिए यह याचिका दाखिल की गई थी।
संजय पाठक के परिवार ने Intervention Petition प्रस्तुत किया
इस मामले में संजय पाठक अथवा उनके परिवार, पक्षकार नहीं बनाया गया था। लेकिन फिर भी उन्होंने हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत कर दी। यह याचिका विधायक श्री संजय पाठक की माताजी श्रीमती निर्मला पाठक और श्री संजय पाठक के सुपुत्र श्री यश पाठक की ओर से प्रस्तुत की गई।
हाई कोर्ट के रिकॉर्ड में: विधायक संजय पाठक ने न्यायाधीश को फोन किया
मामले की सुनवाई के दिन न्यायाधीश श्री विशाल मिश्रा ने स्वयं को इस मामले से अलग कर लिया। उन्होंने इसके कारण का उल्लेख करते हुए लिखा है कि "श्री संजय पाठक ने इस विशेष मामले के संबंध में चर्चा करने के लिए मुझसे फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया है। अतः मैं इस केस की सुनवाई करने का इच्छुक नहीं हूं।"