कर्मचारी अधिकार संरक्षण संघ ने राज्य सरकार पर विगत 9 वर्षों से पदोन्नति के लाभ से वंचित राज्य के लाखों लोक सेवकों को पदोन्नति दिए जाने के मामले में नकारात्मकता पूर्ण मंशा एवं नवीन नियमों द्वारा राज्य के लोक सेवकों को भारी वित्तीय हानि पहुंचने का आरोप लगाते हुए पदोन्नति देने हेतु राज्य सरकार के निष्ठा पर सवालिया निशान लगाते हुए प्रदेश सरकार को कर्मचारी हितों के अनुरूप पदोन्नति का वैधानिक अधिकार एवं न्याय प्रदान किए जाने की मांग की है।
जब विधि विभाग में प्रमोशन हो गए तो दूसरे विभाग में क्यों नहीं
संगठन प्रमुख एवं वरिष्ठ कर्मचारी नेता श्रीशील प्रताप सिंह पुंढीर ने जारी बयान में बताया है कि प्रदेश कर्मचारी कि विगत 9 वर्षों से पदोन्नतियों पर लगी अघोषित रोक हेतु राज्य सरकार का ढुलमुल रवैया पूर्णतया जिम्मेदार है, राज्य सरकार की मंशा होती तो पदोन्नतियों का सुगम रास्ता निकाला जाना संभव था। उन्होंने विधि विभाग का उदाहरण देते हुए बताया कि जब विधि विभाग अपने अधिकारी कर्मचारियों को माननीय न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में जारी अंतिम आदेश के अध्यधीन पदोन्नतियां प्रदान कर सकता है तो, राज्य सरकार द्वारा अन्य विभागों में सशर्त पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त क्यों नहीं किया गया।
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा पदोन्नति दिए जाने के आदेश जारी करने में राज्य कर्मचारियों की वाही वाही लूटने स्वागत अभिनंदन के बाद भी जारी नवीन पदोन्नति नियमों में कर्मचारी को पदोन्नति पर रोक की तिथि के बजाय आदेश जारी होने की तिथि से पदोन्नति का लाभ दिए जाने का प्रावधान करके वर्ष 2016 से हजारों की संख्या में पदोन्नति के लाभ से वंचित अनेकों सेवानिवृत सेवकों व उनके परिवारों के पदोन्नति प्राप्त करने के वैधानिक अधिकारों को अनदेखा कर उन्हें पदोन्नति से मिलने वाले पद प्रतिष्ठा व आर्थिक लाभ से वंचित कर सरकार को करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया है। जिससे प्रदेश कर्मचारियों में राज्य सरकार के रवैये के खिलाफ व्यापक रोष और असंतोष व्याप्त है।
संगठन प्रदेश महामंत्री व्यास मुनि चौबे, डॉक्टर देवीसिंह सनोदिया, उपाध्यक्ष भगवान सिंह ठाकुर, सुग्रीव सिंह, शोएब सिद्दीकी,रविशंकर त्रिपाठी,रमेश बाबस्कर,विनोद सिन्हा भोपाल जिला शाखा अध्यक्ष प्रणव खरे,लालाराम रैकवार,राहुल शर्मा द्वारा प्रदेश सेवकों के असंतोष को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं मुख्य सचिव श्रीमान अनुराग जैन एवं सामान्य प्रशासन विभाग को ज्ञापन प्रेषित कर निरंतर बिना पदोन्नति प्राप्त किये ही सेवानिवृत हो रहे लोक सेवकों को होने वाली वित्तीय क्षति से बचाने हेतु" विचाराधीन विवादित न्यायालय प्रकरण" के संक्रमणकाल अवधि में विधिविभाग की भांति पदोन्नतियों पर रोक की अवधि से,सशर्त पदोन्नति किए जाने हेतु समस्त विभागों को निर्देश जारी करने की मांग की है। रिपोर्ट: शोएब सिद्दीकी, प्रांतीय प्रवक्ता।