अंशुल मित्तल, ग्वालियर। पूर्व विधानसभा के, पूर्व भवन अधिकारी को मृत पशु निस्तारण कार्य और टेंडर सेल नोडल के पद से भी हटा दिया गया है। अभी हाल ही में इन्हें पूर्व वि.स. भवन अधिकारी के पद से भी मुक्त कर दिया गया था। निगम के इंजीनियर राकेश कश्यप से अचानक सभी मलाईदार प्रभार छीन लेना, कहीं ना कहीं निगम में चल रही हास्य अटकलों को जोर देता है। क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले तक, राकेश कश्यप पर, निगम के वरिष्ठ अफसरों की कृपा, मूसलाधार बरस रही थी। कृपा ऐसी थी, कि भ्रष्टाचार के अनगिनत मामले और शिकायतें सामने आती रहीं लेकिन इंजीनियर कश्यप को लगातार प्रगति मिलती रही! मतलब इन्हें लगातार महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं। सवाल है कि आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि कश्यप के सर से, कृपा की छाया हटा ली गई ?
फर्जी कागजों पर भवन निर्माण मंजूरी सहित कई गंभीर मामलों पर अभयदान
पूर्व BO राकेश कश्यप का भवन अधिकारी रहते हुए, एक कारनामा सुर्खियों में रहा था, जिसमें इन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वार्ड 28 में भवन निर्माण मंजूरी क्रमांक 462/2024 जारी कर दी थी। इस अनुज्ञा के जरिये करोड़ों रुपए की, सरकारी जमीन पर भूमाफिया का कब्जा हो गया। यह मामला कई बार कमिश्नर के संज्ञान में भी आया लेकिन कश्यप कार्रवाई से बचे रहे। सूत्र बताते हैं कि टेंडर सेल में, सीसी रोड के नाम पर किए जा रहे घोटाले सहित कुछ ऐसी फाइलें भी कमिश्नर ने पकड़ीं थीं, जिसमें एक ही काम के कई बार भुगतान कर दिए गए। लेकिन बड़े साहब ने, कश्यप पर कार्रवाई न करते हुए, सिर्फ वार्निंग दी थी। हालांकि यह मामले तो गड़बड़ियों की बानगी हैं।
निगम के गलियारों में चर्चित "स्क्रीनशॉट", आखिर क्या है माजरा ?
निगम मुख्यालय के अंदरखानों में सुगबुगाहट है कि "मोबाइल स्क्रीनशॉट" के चक्कर में इंजीनियर पर गाज गिर गई। सुनी-सुनाई बातों की बात करें तो- निगम के किसी बड़े साहब से, देर रात हुई, 'व्हाट्सएप कॉलिंग' के स्क्रीनशॉट, इसी यंत्रीगुट में शामिल, किसी इंजीनियर ने ले लिये! इसके बाद इन मोबाइल स्क्रीनशॉट्स को दिखाकर, निगम में ऊंची पहुंच की शेखी बघारी गई। स्क्रीनशॉट की खबर साहब तक पहुंची, जिससे साहब नाराज हो गए! निगम गलियारों में चर्चा है कि साहब की इसी नाराजगी के चलते, इस यंत्रीगुट के सीनियर इंजीनियर से सभी मलाईदार कुर्सियां छीन ली गईं। हालांकि ऐसे कोई भी मोबाइल स्क्रीनशॉट्स सामने आने तक, यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि राकेश कश्यप, नवागत एसी की रडार पर हैं क्योंकि इनकी शिकायतों की फेहरिस्त लंबी है। महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां से मुक्त होने के बाद, राकेश कश्यप 1 महीने से ज्यादा की लंबी छुट्टी पर चले गए हैं।