मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज वह किया है जो दिखाई तो नहीं दिया लेकिन समझ में सबके आ गया है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे "बॉर्डर" फिल्म का नायक युद्ध से पहले पाकिस्तान के बॉर्डर तक जाकर खड़ा हो गया था। मैसेज क्लियर था कि यदि गड़बड़ की तो अगला कदम पाकिस्तान में होगा। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्वाचन क्षेत्र के बॉर्डर पर जाकर सिंधिया को अल्टीमेटम दिया है कि यदि अगली बार क्षेत्रीय छत्रप बनने की कोशिश की तो करारा जवाब दिया जाएगा।
फ्लैशबैक इन शॉर्ट
हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर के कलेक्टर ऑफिस में सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को बुलाकर बैठक ली और फिर मुरैना में रोड शो किया। श्री सिंधिया ग्वालियर के सांसद नहीं है। प्रभारी मंत्री ने लोगों को फोन करके बुलाया। पहले ऐसा लगा था कि प्रभारी मंत्री बैठक ले रहे हैं और सिंधिया भी उपस्थित होंगे लेकिन बाद में वह बैठक, सिंधिया का दरबार हो गया। यहां क्लिक करके संबंधित समाचार पढ़ सकते हैं। इसी प्रकार मुरैना में सिंधिया ने शक्ति प्रदर्शन किया जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी। स्पष्ट रूप से समझ में आया कि सिंधिया ने ग्वालियर चंबल पर कब्जा करने और विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को छोटा दिखाने के लिए सब कुछ किया है। जबकि पार्टी अथवा मध्य प्रदेश सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी।
जवाब में मुख्यमंत्री ने क्या किया
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सबसे पहले विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के घर जाकर एक मैसेज लाउड एंड क्लियर किया कि, नरेंद्र सिंह तोमर का अपना महत्व है और कलेक्टर कार्यालय में कोई बैठक हो जाने से अथवा मुरैना में कोई बैनर लग जाने से, यह महत्व कम नहीं हो जाता है। इसके बाद आज गुना शिवपुरी लोकसभा सीट के बिल्कुल नजदीक बॉर्डर पर स्थित नरवर नगर में महिला सम्मेलन का आयोजन किया। यहां उन्होंने कुछ नहीं कहा बल्कि दिखाया। मंच पर उनके साथ ग्वालियर के सांसद, लोकल विधायक सहित सिंधिया के क्षेत्र में आने वाले सभी सिंधिया समर्थक विधायक और नेता मौजूद थे।
सिंधिया को क्या अल्टीमेटम दिया गया
इस कार्यक्रम के माध्यम से सिंधिया को बता दिया गया है कि भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन बेहद जरूरी है। ग्वालियर के विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर और प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट को समझाने के लिए कहा गया था। सर्वदलीय बैठक और मुरैना में शक्ति प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी। उंगली के बहाने कोंचा पकड़ना, अच्छी बात नहीं है और भाजपा में नहीं चलेगी। अगली बार यदि किसी और के क्षेत्र में हलचल मचाने की कोशिश की तो बदले में आपके क्षेत्र में खलबली मचा दी जाएगी। उपदेश अवस्थी।