मध्य प्रदेश में कार्यरत 23000 पटवारियों के कैडर रिव्यू की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस काम के लिए मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा ने नोट शीट लिखी थी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पटवारी कैडर रिव्यू प्रोजेक्ट तैयार करें।
पटवारी संवर्ग के कर्मचारियों को फायदे होंगे
मध्य प्रदेश के 23 हजार पटवारियों को समयमान वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट किया जाता रहा है। एमपी पटवारी संघ के माध्यम से मंत्री से हुई चर्चा के बाद कैडर रिव्यू पर विचार करने की सहमति दिखाई गई थी। अब विभाग के प्रमुख सचिव विवेक पोरवाल ने पटवारियों के कैडर रिव्यू को लेकर पिछले दिनों पटवारी संघ के पदाधिकारियों की मौजूदगी में बैठक की है। इसमें पटवारियों के वेतनमान, भत्ते, पदोन्नति, भर्ती समेत अन्य मुद्दों पर तैयार किए गए प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। कैडर रिव्यू से पटवारी संवर्ग के कर्मचारियों को फायदे होंगे। इसे देखते हुए इसमें सुधार के लिए और बदलाव के लिए भी निर्देश दिए हैं। इसके बाद प्रस्ताव पर अंतिम सहमति के बाद इसे राजस्व मंत्री के संज्ञान में लाकर सीएम को इससे अवगत कराया जाएगा। इसके पहले 1998 में पटवारी कैडर का रिव्यू किया था। अब 27 साल बाद पटवारियों के कैडर रिव्यू पर अमल की स्थिति बनेगी। जिससे पटवारियों के वेतनमान में हुई विसंगति को भी सुधारा जा सकेगा।
राजस्व मंत्री ने पीएस को लिखा पत्र, अब CLR तैयार कर रहे प्रस्ताव
प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने पिछले माह 29 जुलाई को प्रमुख सचिव राजस्व विभाग को पत्र लिखा था। इसके बाद शासन ने आयुक्त भू अभिलेख को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के पटवारी संवर्ग के कैडर रिव्यू प्रोजेक्ट को तैयार किया जाए। इसके बाद पूरे प्रकरण का परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही की जाए। इसका प्रस्ताव मध्य प्रदेश पटवारी संघ ने दिया है। इसलिए इसके बारे में मप्र पटवारी संघ को भी जानकारी दी जाए।
प्रमुख सचिव बोले-अभी कुछ नहीं कह सकते
विवेक पोरवाल प्रमुख सचिव, राजस्व का कहना है कि, अभी कैडर रिव्यू का प्रस्ताव आया है इसलिए कुछ बताया नहीं जा सकता है। प्रस्ताव फाइनल होने के बाद कैबिनेट को भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर निर्णय होगा।
पटवारी संघ ने कहा- बार-बार दिए जा रहे थे ज्ञापन
मप्र पटवारी संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार को इसके लिए बार-बार ज्ञापन दिए जा रहे थे। अभी बैठक हुई है, लेकिन जब तक सरकार इस पर अंतिम निर्णय नहीं लेती, तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।