Janmashtami 2025 - घर में पूजा करने का तरीका, विधि एवं सामग्री की लिस्ट

0
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का दिन, आनंद का अवसर है, त्यौहार का अवसर है, अपने आराध्य प्रभु के चरणों में स्वयं को समर्पित कर देने का अवसर है। स्वयं वासुदेव कृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है कि वह किसी विशेष पूजा विधि से नहीं बल्कि भक्तों के भाव से प्रसन्न होते हैं। यानी स्पष्ट है कि जन्माष्टमी के अवसर पर किसी भी प्रकार के नियम एवं शर्तें नहीं है। यदि आपके हृदय में भक्ति का भाव है तो फिर आपके पास जो कुछ भी है, समर्पित कर दीजिए। भगवान कृष्ण तो चावल के 1 दाने से भी प्रसन्न हो जाते हैं।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर गृहस्थ घरों में बाल गोपाल की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
  • घर के मंदिर में साफ- सफाई करें।
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  • सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
  • लड्डू गोपाल का जलाभिषेक करें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल को झूले में बैठाएं।
  • लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं।
  • अपनी इच्छानुसार लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
  • लड्डू गोपाल की सेवा पुत्र की तरह करें।
  • इस दिन रात्रि पूजा का महत्व होता है, क्योंकि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात में हुआ था।
  • रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें।
  • लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं।
  • लड्डू गोपाल की आरती करें।
  • भगवान श्रीकृष्ण की आरती में देसी गाय के घी का उपयोग किया जाता है। 
  • इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें।
  • इस दिन लड्डू गोपाल की अधिक से अधिक सेवा करें। 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर इन नियमों का करें पालन

इस पावन दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ ही गाय की भी पूजा करें। पूजा स्थल पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ गाय की मूर्ति भी रखें।
पूजा सुंदर और साफ आसन में बैठकर की जानी चाहिए। 
भगवान श्री कृष्ण का गंगा जल से अभिषेक जरूर करें।
गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करें। 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के लिए सामग्री की लिस्ट:गाय के दूध से बना घी

  • गंगा जल
  • सुंदर और साफ आसन
  • भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति
  • गाय की मूर्ति
  • दीप
  • सात्विक भोग (जैसे मिश्री, मेवा)
  • झूला (लड्डू गोपाल के लिए)
  • जल (अभिषेक के लिए) 
  • फूल
  • चंदन
  • धूपबत्ती
  • कपूर
  • पूजा की थाली
  • लाल या पीला वस्त्र (लड्डू गोपाल के लिए) 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पारण कब करें 

जिन लोगों को जानकारी नहीं होती, भगवान उन्हें दंडित नहीं करते लेकिन विधि के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत करने वाले भक्तों को रोहिणी नक्षत्र के समापन के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए। कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत में रात्रि को लड्डू गोपाल की पूजा- अर्चना करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण किया जाता है। हालांकि कई लोग व्रत का पारण अगले दिन भी करते हैं। 
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!