राघोगढ़ से विधायक लेकिन पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी में वाइस प्रेसिडेंट श्री जयवर्धन सिंह को गुना का जिला अध्यक्ष बना दिया गया। इस बात को लेकर चर्चा और चिंता दोनों की स्थिति दिखाई दे रही है। सब के लक्ष्य श्री दिग्विजय सिंह है। सूत्र कहते हैं कि इस बात को लेकर पहली बार पुत्र ने पिता से प्रश्न भी किया है, और पिता के उत्तर से पुत्र संतुष्ट नहीं था। इसलिए श्री दिग्विजय सिंह ने एक पॉडकास्ट के माध्यम से श्री जयवर्धन सिंह को और खासतौर पर उनके समर्थकों को भी मैसेज दिया है।
मैं कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं चाहता था: दिग्विजय सिंह
— Bhopal Samachar (@BhopalSamachar) August 26, 2025भोपाल के प्रतिष्ठित पत्रकार श्री मिलिंद खांडेकर के साथ पॉडकास्ट में श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ हूं। सत्ता यानी पावर क्या नहीं करवा देता। भाई-भाई में और पिता पुत्र में कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट हो जाता है। इसलिए मैं नहीं चाहता था कि मेरा भाई लक्ष्मण सिंह राजनीति में आए, लेकिन वह मां के पास चला गया और मुझे स्वीकार करना पड़ा। श्री दिग्विजय सिंह ने बताया कि मेरा बेटा जयवर्धन कैलिफोर्निया में पढ़ाई कर रहा था। उसने कहा कि मैं पॉलिटिक्स ज्वाइन करना चाहता हूं। मैंने मना कर दिया था, लेकिन उसने भी अपनी मां से कहलवा दिया। मैंने तब भी उससे स्पष्ट कहा था कि, आना है तो आओ लेकिन बाद में मत कहना कि मेरे पिताजी ने कहां फंसा दिया मुझे राजनीति में, जवाबदारी तुम्हारी है।
बयान में दिग्विजय सिंह का मैसेज क्या है
इस स्टेटमेंट के जरिए श्री दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि स्टेट वाइस प्रेसिडेंट से डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट की पोस्टिंग डिमोशन है तो इसके लिए वह खुद जिम्मेदार है। मैं मेंटरशिप कर सकता था, मैंने की और मेरी मेंटरशिप के कारण जयवर्धन सिंह राघोगढ़ का निर्विवाद नेता है। अब पॉलिटिक्स में आगे बढ़ाना उसकी अपनी जिम्मेदारी है। उसको अपनी क्षमता और योग्यता का उपयोग करना होगा। वह स्टेट वाइस प्रेसिडेंट रहा लेकिन उसकी अपनी टीम नहीं है। जयवर्धन सिंह को अब मेरे ऊपर से डिपेंडेंसी खत्म करनी होगी। ✒ उपदेश अवस्थी।