अगर किसी व्यक्ति को bharatiya nyaya sanhita,2023 के अध्याय 10 सिक्कों, करेंसी नोटो, बैंक नोटों और सरकारी स्टाम्पों से संबंधित अपराध या BNS के अध्याय 17 के अंतर्गत अपराध चोरी, लूट, डकैती, छल, आपराधिक न्यासभंग, रिष्टी, गृह अतिचार आदि अपराध से दण्डित किया जा चुका है और वह फिर से वही अपराध करता है तब उसे आजीवन कारावास या 10 वर्ष तक के कारावास होना से दण्डित किया जाएगा। जानिए:
Bharatiya Nyaya Sanhita ,2023 की धारा 13 की परिभाषा
यदि कोई व्यक्ति India में किसी Court द्वारा BNS के अध्याय 10 या अध्याय 17 के अधीन तीन वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास से punishable अपराध के लिए दोषसिद्ध हो चुका है, और वह फिर से उन्हीं अध्यायों के तहत किसी अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे Lifelong कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, से punished किया जा सकता है।
BNS की धारा 13 के लिए आवश्यक तत्व:-
1. previously convicted: यदि कोई व्यक्ति पहले से ही अध्याय 10 या अध्याय 17 के तहत तीन वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए कारावास से दंडनीय अपराध के लिए दोषसिद्ध हो चुका है।
2. Re-offense: यदि वह व्यक्ति फिर से उन्हीं अध्यायों के तहत किसी अपराध का दोषी पाया जाता है।
3. Punishment: ऐसे मामले में, उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, से दंडित किया जा सकता है।
Example
एक व्यक्ति को पहले चोरी के अपराध में तीन वर्ष की सजा हुई थी, और अब वह फिर से चोरी के अपराध में पकड़ा गया है। इस मामले में, BNS की धारा 13 के अनुसार, उसे आजीवन कारावास या दस वर्ष तक की सजा हो सकती है।
✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।