भोपाल। यदि आप शहर के वार्ड नंबर 73 में स्थित अटल नेहरू नगर (भानपुर) जा रहे हैं तो कृपया संभल कर जाइए। और यदि आपकी गाड़ी की हेडलाइट अच्छी नहीं है तो रात के समय बिल्कुल मत जाइए, क्योंकि यहां पर सड़क के बीचों-बीच एक चैंबर खुला पड़ा हुआ है। हर रोज 5-6 टू व्हीलर एक्सीडेंट का शिकार हो रहे हैं।
नगर निगम 6 दिन से बोल रहा है: शिकायत रजिस्टर हो गई है, समाधान 72 घंटे में मिलेगा
सैयद नौशीन एवं स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस गड्ढे में कई बाइक सवार गिर चुके हैं। एक युवक के दुर्घटनाग्रस्त होने का वीडियो तो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ है, ऐसी ही 5-6 अन्य घटनाओं के वीडियो भी मौजूद हैं, जिनमें आधी बाइक तक इस चैम्बर में समा जाती है। बारिश के चलते पूरा दिन अफरा-तफरी का माहौल दिखा, लेकिन कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचा।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि नगर निगम को कॉल कर बार-बार शिकायत दी गई, लेकिन जवाब यही मिला कि “शिकायत रजिस्टर हो गई है, समाधान 72 घंटे में मिलेगा।” पाँच दिन बीत गए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
पार्षद का आश्वासन भी झूठा निकला
इतना ही नहीं, पार्षद महोदय को भी इस स्थिति से अवगत कराया गया। शुरू में उनका फोन नहीं उठाया गया, और जब संपर्क हुआ तो उन्होंने उसी दिन काम करवाने का आश्वासन दिया लेकिन वह आश्वासन आज तक अधूरा है।
जनता की आवाज: VIP इलाके चमकते हैं, हमारा इलाका रोज डूबता है
स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाया है "आख़िर आम जनता कब तक इस तरह की लापरवाही का शिकार बनती रहेगी? नगर निगम और नेताओं की जिम्मेदारी सिर्फ़ VIP विज़िट के दौरान सड़कें चमकाने तक ही सीमित क्यों है?"
जब कोई बड़ा कार्यक्रम होता है, तब लेकव्यू रोड, एयरपोर्ट और MP नगर को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। लेकिन भानपुर जैसे क्षेत्रों में ना सड़कें दुरुस्त हैं, ना सीवर सिस्टम, ना कचरे के डिब्बे, और ना ही कोई यातायात व्यवस्था।
जनता का कहना है कि नेता सिर्फ़ उन इलाकों की चिंता करते हैं जहाँ “बड़े लोग” आते हैं। लेकिन वोट तो झुग्गी बस्तियों से भी जाते हैं, आम आदमी से भी जाते हैं, फिर उन्हें वही सुविधाएं क्यों नहीं मिलतीं?
“क्या नेता और अधिकारी सिर्फ़ कैमरे के लिए काम करते हैं? आम जनता की ज़िन्दगी सस्ती है क्या?" ऐसी भावनाएं अब खुले रूप से सामने आ रही हैं।
जनता की मांग
स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस जानलेवा गड्ढे को तुरंत सही किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब माँगा जाए। जनता को सिर्फ़ आश्वासन नहीं, समाधान चाहिए।