मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी सिस्टम में मौजूद पक्षपात या भ्रष्टाचार ने भोपाल की जनता को हमेशा के लिए दर्द दे दिया है। समाधान के लिए बनाया गया ऐशबाग आरओबी अब समस्या बन गया है और यह अपने अस्तित्व तक हमेशा बना रहेगा। प्राइवेट कंसलटेंट इंजीनियर सुरेश धोंडे ने बड़े कॉन्फिडेंस के साथ इस प्रॉब्लम को सॉल्व करने का जिम्मा लिया था लेकिन अब सुरेश धोंडे ने भी सरेंडर कर दिया है। उनका कहना है कि इसका कुछ नहीं हो सकता।
आपका पैसा कैसे उड़ाया जाता है, क्यों आपके ऊपर टैक्स बढ़ जाता है पढ़िए
प्राइवेट कंसलटेंट इंजीनियर सुरेश धोंडे, मध्य प्रदेश शासन के लोक निर्माण विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर हैं। पहले वेतन के बदले सेवाएं देते थे और अब वही काम करने की मोटी फीस लेते हैं। इसके अलावा वीके अमर, रिटायर्ड चीफ इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग का एक बयान छपा है। इसमें उन्होंने बताया है पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट के पास खुद की डिजाइन सेल है, जिसमें बेहतरीन इंजीनियर काम करते हैं। जबकि प्राइवेट कंसलटेंट गूगल की मदद से घर बैठे डिजाइन बनाते हैं।
तो लोक निर्माण विभाग में जनता का पैसा इस तरीके से उड़ाया जा रहा है। जो काम फ्री में हो सकता है उसके लिए लाखों रुपए का पेमेंट किया जा रहा है और उसके बाद भी काम अच्छा नहीं हो रहा है। बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में 200 से ज्यादा पल तोड़कर दोबारा बनाए गए हैं। शिवपुरी में तो डिजाइन की गड़बड़ी के कारण रातों-रात पुल तोड़ दिया गया था ताकि किसी को पता ना चल पाए। लेकिन इस इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन में पैसा तो पब्लिक का ही खर्च हो रहा है।
भोपाल के ऐशबाग आरओबी का क्या होगा
ऐशबाग आरओबी का अब कुछ नहीं हो सकता है। सुरेश भाई साहब ने हाथ खड़े कर दिए हैं। लोक निर्माण विभाग की डिजाइनिंग सेल ने जो डिजाइन तैयार किया है उसके हिसाब से एक छोटा सा कर्व बन जाएगा लेकिन अपनी गाड़ी को मोड़ने के लिए वाहनों को अपनी स्पीड 20 किलोमीटर प्रति घंटा से कम करनी पड़ेगी। यानी कि इस मोड़ पर भारी भीड़ लग जाएगी। और यदि ट्रैफिक नहीं रहा तो कोई भी व्यक्ति मोड की बाउंड्री पर टक्कर मारते हुए नीचे गिर सकता है। क्योंकि जो डेली अप डाउन नहीं करेगा उसके हिसाब से तो ROB का मतलब होता है हाई स्पीड में इधर से उधर चले जाना। क्योंकि पूरे भारत में उसने जैसे ROB देखे हैं, वह वैसे ही कल्पना करेगा।