माननीय स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय, मध्यप्रदेश शासन, माननीय महोदय, सविनय निवेदन है कि हम सभी मध्यप्रदेश के विभिन्न स्कूलों में पूर्व में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे हैं। विगत कई वर्षों से हमने पूर्ण निष्ठा, समर्पण और मेहनत के साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं। हमने न केवल विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास में योगदान दिया, बल्कि स्कूलों में शिक्षक की कमी को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। किन्तु, यह अत्यंत दुखद है कि स्थानांतरण (ट्रांसफर) अथवा अन्य प्रशासनिक कारणों के चलते हमें सेवा से बाहर कर दिया गया है।
इस निर्णय ने हमें और हमारे जैसे सैकड़ों अतिथि शिक्षकों को आर्थिक, सामाजिक और मानसिक रूप से गहरी ठेस पहुँचाई है। हमारी सेवाएँ समाप्त होने से हमारा परिवार आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और हम स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। हमारी सेवाओं के दौरान हमने न केवल अपने अनुभव और योग्यता से शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया, बल्कि कई शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और अन्य चयन परीक्षाओं में भी सफलता प्राप्त की है। इसके बावजूद, हमें उचित अवसर और सम्मान नहीं मिला। अतः, हम निम्नलिखित माँगों के साथ आपसे न्याय की अपील करते हैं:
चॉइस फिलिंग का अवसर:
अतिथि विद्वानों की तर्ज पर फॉलन आउट अतिथि शिक्षकों को पुनः नियुक्ति के लिए चॉइस फिलिंग का अवसर प्रदान किया जाए। इसके लिए अतिथि शिक्षक पोर्टल पर 5 जुलाई, 2025 से पहले चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश जारी किया जाए। यह कदम हमें पुनः सेवा में लाने और शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने का अवसर प्रदान करेगा। तर्क: विगत में अतिथि विद्वानों के लिए चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया लागू की गई थी, जिससे कई शिक्षकों को लाभ हुआ। समान नीति अपनाने से फॉलन आउट शिक्षकों को भी न्याय मिलेगा और स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
अनुभव प्रमाण-पत्र का प्रावधान:
अतिथि शिक्षकों के लिए उनके कार्य अनुभव को प्रमाणित करने हेतु अनुभव प्रमाण-पत्र क्लेम करने का विकल्प पोर्टल पर मार्च 2026 तक उपलब्ध कराया जाए। यह प्रमाण-पत्र भविष्य में नौकरी के अवसरों और संविदा नियुक्ति के लिए आवश्यक है। तर्क: अनुभव प्रमाण-पत्र शिक्षकों के वर्षों के परिश्रम और योगदान का औपचारिक दस्तावेज है। यह हमें अन्य शैक्षणिक या सरकारी नौकरियों में आवेदन के लिए सशक्त बनाएगा और हमारी सेवाओं को मान्यता प्रदान करेगा।
ऑनलाइन उपस्थिति और टैबलेट की सुविधा:
नियमित शिक्षकों की तरह अतिथि शिक्षकों के लिए भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाया जाए। इसके लिए अतिथि शिक्षकों को टैबलेट उपलब्ध करवाए जाएँ, ताकि डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को पारदर्शी और सुचारु रूप से लागू किया जा सके। तर्क: डिजिटल उपस्थिति प्रणाली से कार्य की पारदर्शिता बढ़ेगी और अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति का सटीक रिकॉर्ड रखा जा सकेगा। टैबलेट की सुविधा से हम आधुनिक शिक्षण तकनीकों को अपनाने में भी सक्षम होंगे, जो विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगा।
संविदा शिक्षक का दर्जा:
जो अतिथि शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और अन्य चयन परीक्षाओं में उत्तीर्ण हैं, उन्हें उनकी योग्यता और अनुभव के आधार पर संविदा शिक्षक का दर्जा प्रदान किया जाए। यह हमें स्थायी रोजगार और सम्मानजनक आजीविका का अवसर देगा। तर्क: TET और अन्य परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों ने अपनी योग्यता सिद्ध की है। उनकी सेवाओं को संविदा शिक्षक के रूप में नियमित करना न केवल उनके साथ न्याय करेगा, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता भी लाएगा।
माननीय महोदय, हमारी माँगें न केवल हमारे व्यक्तिगत हितों से संबंधित हैं, बल्कि मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की दिशा में भी हैं। हमारी सेवाएँ समाप्त होने से स्कूलों में शिक्षकों की कमी बढ़ी है, जिसका सीधा प्रभाव विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। हमारी माँगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर हमें पुनः सेवा में शामिल करने की कृपा करें। हम आशा करते हैं कि आप हमारे निवेदन पर शीघ्र और सकारात्मक कार्यवाही करेंगे। आपकी इस दिशा में की गई पहल से न केवल हम अतिथि शिक्षकों को न्याय मिलेगा, बल्कि प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव आएगा। आपकी अति कृपा होगी। सधन्यवाद,
प्रार्थी गण, समस्त फॉलन आउट अतिथि शिक्षक, मध्यप्रदेश