भोपाल: मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक आदेश के पालन में लापरवाही के कारण प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में Judicial Cases बढ़ते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश शासकीय महाविद्यालय उच्च शिक्षा जन भागीदारी कर्मचारी संघ द्वारा प्रेस रिलीज जारी करके समस्या का विवरण और अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया है।
Karmchari Kalyankari Sthai Karmi Yojana विवाद
तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश शासन की Karmchari Kalyankari Sthai Karmi Yojana (कर्मचारी कल्याणकारी स्थाई कर्मी योजना) के तहत शासकीय महाविद्यालयों में जन भागीदारी और अन्य निधियों से कार्यरत कर्मचारियों, जैसे Computer Operator, Mali, Chowkidar, Chaprasi आदि, जो वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए स्थाईकरण का आदेश जारी किया था। विभाग ने सभी महाविद्यालयों के Principals को इस आदेश का पालन करने के निर्देश दिए थे। कई महाविद्यालयों में इसका पालन हुआ, लेकिन कुछ Principals ने आदेश की मनमानी व्याख्या कर कर्मचारियों को Sthai Karmi Yojana का लाभ नहीं दिया। नतीजतन, कर्मचारी High Court और अन्य न्यायालयों की शरण लेने को मजबूर हैं। आश्चर्यजनक रूप से, आयुक्त उच्च शिक्षा (Commissioner, Higher Education) भी Principals के साथ मिलकर Court Cases में बार-बार Appeal दायर करने की अनुमति दे रहे हैं, जिससे स्थिति और जटिल हो रही है।
न्यायालयीन मामलों में प्राचार्यों की असंवेदनशीलता, मंत्रालय के आदेशों की उड़ रही धज्जियां
16 मई 2025 को उच्च शिक्षा विभाग, मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि Judicial Cases में Suspension Orders केवल आयुक्त उच्च शिक्षा जारी करेंगे, न कि Principals या Additional Directors. इसके बावजूद, राजगढ़, इंदौर, और उज्जैन के कुछ शासकीय महाविद्यालयों के Principals द्वारा Suspension Orders जारी किए जा रहे हैं और इन्हें High Court में प्रस्तुत किया जा रहा है। Janbhagidari Karmchari Sangh के प्रांतीय सचिव ने अपर मुख्य सचिव श्री अनुपम राजन और आयुक्त उच्च शिक्षा श्री निशान बरबड़े को पत्र लिखकर दोषी Principals के खिलाफ Disciplinary Action की मांग की है।
आयुक्त की उदासीनता से आदेशों का पालन नहीं
इस मामले में सबसे चिंताजनक बात यह है कि आदेश जारी हुए दो वर्ष होने को हैं, लेकिन आयुक्त उच्च शिक्षा ने इसकी समीक्षा के लिए कोई Review Meeting आयोजित नहीं की, न ही Principals को तत्काल पालन के निर्देश दिए। पिछली Vidhan Sabha में विधायकों ने इस संबंध में सवाल उठाए थे, जिसमें Review Meetings और उनके Compliance Reports की जानकारी मांगी गई थी। हालांकि, आयुक्त ने न तो पूर्ण उत्तर दिए और न ही Reports उपलब्ध कराए।
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