मांडू। शिक्षा में रामत्व वर्तमान समय की जरूरत है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक हिस्सा है। जीवन जीने की कला है रामत्व। इसे हम सभी को पढ़ाना चाहिए। रामचरितमानस को हम सबको पढ़ना चाहिए। हर व्यक्ति में राम को देखना होगा। हमें विद्यार्थियों में समरसता की भावना का विकास करना होगा।
राज्य शिक्षक संघ की बदौलत हमने पद, पैसा और प्रतिष्ठा प्राप्त की है
यह बात राज्य शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश यादव ने जैन श्वेतांबर तीर्थ मंदिर मांडू में आयोजित राज्य शिक्षक संघ के प्रांतीय चिंतन शिविर में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। श्री यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन भी हम सबकी महती जिम्मेदारी है। राज्य शिक्षक संघ की बदौलत आज हमने पद, पैसा और प्रतिष्ठा प्राप्त की है। आज जो हमें कुछ भी प्राप्त हो रहा है, वह राज्य शिक्षक संघ के लंबे संघर्षों का परिणाम है। आपकी हर एक समस्या के समाधान के लिए राज्य शिक्षक संघ संकल्पित है। हमें सरकारी स्कूलों को बचाना है। शिक्षक की गरिमा व सम्मान को बचाना है। इसके लिए हमें आगे आना होगा। शासन की नीतियों के कारण स्कूल धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर हैं। अतः हमें अपने कर्तव्य एवं दायित्व को समझना होगा।
स्कूलों में हमें पर्यावरण के प्रति भी सजग रहना है। जन्मदिन कार्यक्रम हो या विवाह सालगिरह आदि अवसरों पर स्कूल परिसरों में पौधारोपण को हिस्सा बनाएं।
प्रदेश महासचिव दिनेश शुक्ला, करतार सिंह राजपूत, हरगोविंद सिंह दुबे, प्रभुराम मालवीय, उमेश ठाकुर, गजेंद्र बछले, नरेंद्र त्रिपाठी, सुरेश दांगी, नागेंद्र त्रिपाठी, हनीफ शेख, प्रीता पटेल, सुषमा खेमसरा, सुषमा मौर्य, प्रशांत दीक्षित, कमल जाट, बंटी बैरागी, संजय सेन, देवेंद्रसिंह सोलंकी, राम प्रकाश वाजपेई, गिरीश द्विवेदी, भूरेलाल धाकड, अनिल पाटीदार, अनिल पटेल, गजेंद्र सिंह चन्द्रावत, प्रियंका चौहान, संतोष जायसवाल मंचासीन प्रांतीय पदाधिकारियों ने मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति, शिक्षा में रामत्व, शिक्षकों की गरिमा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, संगठन की आगामी रणनीति, संगठन विस्तार, सदस्यता अभियान, समाज में शिक्षकों द्वारा किए जाने वाले रचनात्मक कार्य, शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण सहित अन्य विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। आयोजन समिति ने प्रदेश भर से आए सभी शिक्षक स्वागतकों को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
श्याम सेन, धर्मेंद्र वर्मा, कैलाश जाट, अखिल ठाकुर, अब्दुल मजीद, गणेश भंडारकर, जयसिंह चौहान सहित अन्य आयोजन समिति का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन संजय सेन ने किया, आभार योगेंद्र तोमर ने व्यक्त किया।