Madhya Pradesh: मुख्यमंत्री ने एडिशनल एसपी, SDM और SDOP को हटाया, दो इंस्पेक्टर लाइन अटैच

मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने करणी सेना बनाम हरदा पुलिस मामले में हरदा पुलिस के एडिशनल एसपी, एसडीम और एसडीओपी को हटा दिया है जबकि कोतवाली थाना क्षेत्र के टाउन इंस्पेक्टर और ट्रैफिक पुलिस के इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया है। 

हरदा में मुख्यमंत्री ने पांच अधिकारियों को क्यों हटाया

सीएम मोहन यादव ने बताया कि, हरदा जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में घटित प्रकरण की जांच के उपरांत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आरडी प्रजापति, एसडीएम श्री कुमार शानू देवड़िया एवं एसडीओपी अर्चना शर्मा को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया गया है। थाना प्रभारी, कोतवाली श्री प्रहलाद सिंह मस्कले एवं थाना प्रभारी (ट्रैफिक) श्री संदीप सुनेर को नर्मदापुरम् आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि, समाज के छात्रावास में अनुचित बल प्रयोग एवं स्थिति को संवेदनशील रूप से निराकरण करने में की गई लापरवाही को लेकर यह एक्शन लिया गया है। 

13 जुलाई को हरदा में क्या हुआ था 

मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से भोपाल में बताया गया था कि, थाना कोतवाली, हरदा में अपराध क्रमांक 604/2024 व्यक्तिगत धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज किया गया है, जिसमें आरोपी मोहित वर्मा एवं दो अन्य व्यक्ति शामिल हैं। दिनांक 12/07/2025 को उक्त अपराध का चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा रहा था। इस दौरान, श्री सुनील राजपूत, जिला अध्यक्ष, करणी सेना, हरदा एवं उनके लगभग 20-25 समर्थकों द्वारा आरोपी मोहित वर्मा के साथ अभद्रता करते हुए जान से मारने की धमकी दी गई। जब आरोपी मोहित वर्मा को चिकित्सीय परीक्षण हेतु ले जाया जा रहा था, तब उक्त समूह द्वारा आरोपी को छुड़ाने का प्रयास भी किया गया, जिसके संबंध में श्री सुनील राजपूत एवं अन्य के विरुद्ध पृथक से अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

उपरोक्त घटना के पश्चात, श्री सुनील राजपूत एवं उनके समर्थकों द्वारा थाना कोतवाली परिसर में अशांति का वातावरण निर्मित किया गया तथा पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार कर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की गई। उक्त स्थिति को नियंत्रित करने हेतु पुलिस द्वारा न्यूनतम बल प्रयोग किया गया। 

यह उल्लेखनीय है कि धोखाधड़ी का यह प्रकरण हीरे की खरीदी से संबंधित एक व्यक्तिगत मामला है, जिसमें आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। इस प्रकरण का राजपूत समाज से कोई संबंध नहीं है। तथापि, श्री सुनील राजपूत एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा अवैधानिक रूप से आरोपी को छुड़ाने का प्रयास किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। उनके द्वारा व्यक्तिगत मामले के समाधान हेतु कानून को हाथ में लेने का प्रयास किया गया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। 

इसके विरोध में, करणी सेना द्वारा दिनांक 12/07/2025 को सायं 07:30 बजे शहर के मुख्य चौराहे पर चक्का जाम कर दिया गया। उक्त जाम को शांतिपूर्वक समाप्त कराने के लिए निरंतर प्रयास किए गए, परंतु प्रदर्शनकारियों द्वारा मार्ग अवरुद्ध रखते हुए उपद्रव प्रारंभ कर दिया गया। शहर का मुख्य चौराहा लगभग 14 घंटे अवरुद्ध होने के कारण आम जनमानस को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा तथा एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हुई। 

आमजन को हो रही परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए, दिनांक 13/07/2025 को सुबह 10:00 बजे प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देकर सर्वप्रथम वाटर कैनन का प्रयोग किया गया। इसके पश्चात भी जब प्रदर्शनकारी नहीं हटे, तो अश्रु गैस का प्रयोग किया गया। अंततः, निरंतर दी जा रही चेतावनियों के उपरांत, पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसके पश्चात, उपद्रवियों द्वारा राजपूत छात्रावास में एकत्रित होकर पुनः अशांति फैलाई गई। जब पुलिस बल उक्त स्थान पर पहुँचा, तो उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया एवं शासकीय कार्य में बाधा डाली गई। उक्त स्थिति के नियंत्रण हेतु पुलिस द्वारा पुनः हल्का बल प्रयोग किया गया। 



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