Madhya Pradesh Congress Committee के अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश में Smart Meters के कारण Electricity Bills में असामान्य वृद्धि और उपभोक्ताओं पर जबरन Smart meter लगाने की शिकायतों पर गहरा रोष व्यक्त किया है। उन्होंने इसे आम जनता के लिए आर्थिक अन्याय करार देते हुए मध्य प्रदेश सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
Smart Meter लगवाना या नहीं लगवाना, उपभोक्ता की मर्जी पर है: सुप्रीम कोर्ट
श्री पटवारी ने बताया कि, "Supreme Court ने स्पष्ट किया है कि Smart Meter उपभोक्ता की स्वेच्छा पर निर्भर है, लेकिन इसके बावजूद Electricity Companies दबाव बनाकर और जबरन Smart Meters लगा रही हैं। पहले जहाँ Bills ₹300 से ₹600 के बीच आते थे, अब Smart Meter लगने के बाद लोग ₹6,000 से ₹20,000 तक के Bills देखकर परेशान हैं। यह 'Smart Loot' का जरिया बन गया है।"
Smart Meters में 'Blast' या आग लगने की घटनाएँ
उन्होंने प्रमुख News Channels द्वारा इस मुद्दे पर की गई Reports का हवाला देते हुए कहा, भारत के कई शहरों से Smart Meters में आग लगने या उनके फटने की खबरें सामने आई हैं। ये घटनाएँ उपभोक्ताओं के बीच डर और चिंता का कारण बन गई हैं, खासकर जब उनके Bills में भी भारी वृद्धि हो रही हो।
Smart Meters: भोपाल और जबलपुर की घटना से दहशत
भोपाल के कोलार क्षेत्र में एक नए लगे Smart Meter में Blast होने की घटना सामने आई है। इस घटना से स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई।
जबलपुर के एक Supermarket की इमारत में लगे कई Smart Meters में अचानक आग लग गई और वे पटाखों की तरह जलने लगे। लोगों का कहना था कि कुछ दिन पहले ही पुराने Meters की जगह नए Smart Meters लगाए गए थे।
मध्य प्रदेश में Smart Meter लगाने वाली कंपनियों के नाम और कार्यप्रणाली
श्री पटवारी ने Electricity Distribution Companies पर निशाना साधते हुए कहा,
"Smart Meter का उद्देश्य उपभोक्ता सुविधा और Transparency था, लेकिन Electricity Companies की मनमानी ने इसे जनता के लिए बोझ बना दिया है। मध्य प्रदेश में Smart Meter लगाने वाली Companies के नाम और उनकी कार्यप्रणाली को Public करना जरूरी है ताकि जनता को सच पता चले।"
मध्य प्रदेश में Smart Meter लगाने वाली प्रमुख Companies
मध्य प्रदेश में Smart Meter लगाने का काम मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (DISCOMs) के तहत हो रहा है। ये DISCOMs निम्नलिखित निजी Companies के साथ मिलकर काम कर रही हैं:
Adani Energy Solutions (AESL): Design-Build-Finance-Own-Operate-Transfer (DBFOOT) मॉडल पर Smart Meter स्थापना और रखरखाव।
Secure Meters Limited: भारत में Smart Meter निर्माण और आपूर्ति में अग्रणी।
Genus Power Infrastructures Limited: Smart Meter निर्माण और स्थापना में प्रमुख भूमिका।
CyanConnode: Larson & Toubro (L&T) के साथ मिलकर पश्चिम क्षेत्र में IoT-based Smart Meter Network स्थापित कर रही है।
इसके अतिरिक्त, विदेशी Companies जैसे EDF India (France) और Actis (UK) भी भारत में Smart Meter Infrastructure में Investment और Technical Collaboration प्रदान कर रही हैं। कुछ Technical Components जर्मनी, United States, और चीन से आयात किए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी की मांगें:
- Smart Meter स्थापना में उपभोक्ता की सहमति को अनिवार्य किया जाए और जबरन स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
- Immediate Investigation: Smart Meters की Reading, Technical Faults, और Billing Process की स्वतंत्र और उच्च-स्तरीय जांच हो।
- Cancellation of Disputed Bills: असामान्य रूप से बढ़े Bills को तत्काल रद्द कर वास्तविक खपत के आधार पर नए Bills जारी किए जाएं।
- Consumer Relief: जांच पूरी होने तक उपभोक्ताओं पर कोई दंडात्मक कार्रवाई न हो।
- Transparency: Smart Meter लगाने में शामिल सभी Companies के नाम, उनकी कार्यप्रणाली, और Contracts को Public Domain में उपलब्ध कराया जाए।
जीतू पटवारी ने चेतावनी दी, "यदि सरकार ने जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं किया और Smart Meter लगाने वाली Companies की जवाबदेही तय नहीं की, तो Congress Party जनता के साथ मिलकर सड़कों पर उतरेगी और इस अन्याय के खिलाफ व्यापक Movement करेगी।"
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