मध्य प्रदेश में शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त करना बिल्कुल उतना ही असंभव है जितना भगवान श्री कृष्ण के बिना अर्जुन का महाभारत जीतना। उम्मीदवारों को केवल स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय ही परेशान नहीं करता। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल भी परेशान करता है। हर कदम पर संघर्ष करना पड़ता है। बिना भगवान की कृपा के सफलता नहीं मिल सकती, क्योंकि अधिकारियों को, उम्मीदवारों को प्रताड़ित करने में आनंद आता है। डीएड की परीक्षा का रिजल्ट 10 जुलाई तक आ जाना चाहिए था लेकिन आज तक जारी नहीं किया।
रिजल्ट बनाने के लिए 15 दिन काफी है, लेकिन...
मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक भर्ती हेतु आवेदन करने की लास्ट डेट 1 अगस्त है। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा डीएड की परीक्षा जून 2025 में ली गई थी। सिर्फ 15000 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए थे। रिजल्ट बनाने के लिए 15 दिन काफी है और परीक्षा परिणाम लगभग तैयार भी है लेकिन यदि समय पर रिजल्ट जारी कर दिया तो फिर कोई उम्मीदवार मंडल के दरवाजे पर आकर नहीं गिड़गिड़ाएगा। राजधानी में प्रमुख पदों पर बैठे हुए कुछ अधिकारियों को तब तक शांति नहीं मिलती जब तक दिन भर में कुछ लोग आकर उनके सामने न्याय की भीख ना मांगे। एमपी बोर्ड तो इस मामले में नंबर वन है।
फॉर्म भरने के लिए सिर्फ 5 दिन बचे हैं। शुक्रवार को कुछ उम्मीदवारों ने आकर अधिकारियों के हाथ पैर जोड़े। यदि माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल के अध्यक्ष का अहंकार शांत हो गया होगा तो उम्मीद है जल्दी ही रिजल्ट घोषित हो जाएगा। अन्यथा यह मामला विपक्ष के लिए भी एक मुद्दा है। हो सकता है मंडल में बैठा हुआ कोई व्यक्ति कांग्रेस के लिए काम कर रहा हो। कहीं ऐसा तो नहीं की कोई अधिकारी इंतजार कर रहा है। सावन का महीना चल रहा है। जितने उम्मीदवार अभिषेक कर जाएंगे। उनकी प्रार्थना स्वीकार करने के बाद रिजल्ट जारी कर देंगे। अभी तक पर्याप्त उम्मीदवार नहीं आए हैं इसलिए आखिरी दिन तक का इंतजार किया जा रहा है।