MP - अतिथि शिक्षकों और DPI भोपाल के बीच तनाव बढ़ा, डायरेक्टर ने डंडा दिखाया फिर भी पूरे प्रदेश में प्रदर्शन

लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश भोपाल के डायरेक्टर श्री केके द्विवेदी और अतिथि शिक्षकों के बीच में तनाव बढ़ता चला जा रहा है। श्री द्विवेदी द्वारा दिनांक 15 जुलाई को जारी किए गए आदेश के विरुद्ध 17 जुलाई को पूरे प्रदेश में अतिथि शिक्षकों द्वारा प्रदर्शन किया गया। आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ मध्य प्रदेश द्वारा श्री द्विवेदी के 15 जुलाई वाले आदेश को जलाने की अपील की गई। बदले में श्री द्विवेदी ने मध्य प्रदेश के समस्त पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया कि यदि कोई प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें।

लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के डायरेक्टर केके द्विवेदी ने यह आदेश जारी किया था

शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आमंत्रित किये गये अतिथि शिक्षकों की उपस्थिति "हमारे शिक्षक" एप्प के माध्यम से दर्ज करने के निर्देश दिये गये थे। यह अत्यंत खेदजनक है, कि अभी भी लगभग 80% अतिथि शिक्षक नियमित रूप से एप्प के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे है। उक्त परिपेक्ष्य में समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है, कि वे समस्त संकुल प्राचार्य/शाला प्रभारियों एवं अतिथि शिक्षकों को सूचित करें कि जिन अतिथि शिक्षकों द्वारा दैनिक उपस्थिति दर्ज नहीं की जायेगी उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया जा सकेगा। 

अतः समस्त अतिथि शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन उपस्थिति दिनांक 18-07-2025 से दर्ज की जाना अनिवार्य होगा, जो अतिथि शिक्षक अपनी उपस्थिति एप्प के माध्यम से दैनिक रूप से दर्ज नहीं करेगें उन्हे मानदेय भुगतान की पात्रता नही होगी। आज दिनांक 15.07.2025 की उपस्थिति की जानकारी संलग्न है। कृपया इसे प्रसारित कर सभी की ऑनलाइन उपस्थिति सुनिश्चित करे। कृपया निर्देशानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
आयुक्त द्वारा अनुमोदित; केके द्ववेदी, संचालक, लोक शिक्षण, मध्यप्रदेश भोपाल, दिनांक 15.07.2025

आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ मध्य प्रदेश द्वारा यह अपील की गई 

मध्यप्रदेश के समस्त अतिथि शिक्षक संघों के प्रदेश/संभाग/जिला/ब्लॉक पदाधिकारी एवं आम अतिथि शिक्षक भाइयों आप सभी को विदित है कि वर्तमान में लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से प्रदेश के अतिथि शिक्षकों से ई अटेंडेंस लगवाने के लिये एक अफसरशाही/ तानाशाही आदेश जारी किया गया है। जिसमें 18 जुलाई 2025 से ई अटेंडेंस लगाना अनिवार्य है। जो नही लगायेगा उसे वेतन नहीं दिया जायेगा। अतिधि शिक्षकों को जानबूझकर ई अटेंडेंस के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है परन्तु आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं होने देगा। 5 दिवस के अंदर ये तानाशाही आदेश वापस नहीं लिया तो प्रदेश के अतिथि शिक्षक सड़‌को पर उतरने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी समस्त जवाबदारी शासन व प्रशासन की होगी।

इसलिये आप सभी बंधुओ से हमारा आत्मीय निवेदन करते हुये अवगत कराते है कि आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संध मध्य प्रदेश में निर्णय लिया है कि दिनांक 17 जुलाई 2025 गुरुवार को संपूर्ण मध्यप्रदेश में लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा जारी अफसरशाही/तानाशाही आदेश की प्रति को जलाते हुए विरोध प्रदर्शन, करेंगे और जिला स्तर पर जिला कलेक्टर तथा तहसील स्तर पर तहसीलदार महोदय का मुख्यमंत्री/शिक्षामंत्री महोदय, मध्यप्रदेश शासन भोपाल के नाम ज्ञापन सोपेंगे। इसीलिए आप सभी अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर ई अटेंडेंस का विरोध कर प्रदर्शन कार्यक्रम को समस्त संगठन भी सफल बनाये।
के.सी. पवार, प्रदेशाध्यक्ष, आजाद स्कूल अतिथि शिक्षक संघ मध्यप्रदेश 

बदले में DPI डायरेक्टर केके द्विवेदी ने यह आदेश जारी किया 

प्रति, 1. समस्त कलेक्टर, मध्यप्रदेश, 2. समस्त पुलिस अधीक्षक मध्यप्रदेश; स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के अंतर्गत संचालित शासकीय प्राथमिक शाला, शासकीय माध्यमिक शाला एवं शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूलों में नियमित शिक्षकों के रिक्त पद के विरूद्ध अतिथि शिक्षकों को विभागीय निर्देशों के अनुक्रम में आमंत्रित किया जाता है। आमंत्रित अतिथि शिक्षकों को शासकीय शालाओं में रिक्त पद के विरूद्ध अध्यापन कार्य कराते हैं। कार्यरत अतिथि शिक्षकों के संबंधित शाला में उपस्थिति की मॉनटरिंग के लिये विभाग स्तर से ऑनलाईन अटेन्डेंस हमारे-शिक्षक एप के माध्यम से लिये जाने का निर्णय लिया गया है, इस संबंध में संदर्भित पत्र द्वारा आवश्यक निर्देश जारी किये गये हैं। पत्र की छायाप्रति परिशिष्ट-01 पर संलग्न है।

विभागीय स्तर से जारी निर्देशों का विरोध किये जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर कतिपय संगठनों के पदाधिकारियों एवं अन्य व्यक्तियों के द्वारा पत्र/ संदेश वायरल किया गया है। वायरल की छायाप्रति परिशिष्ट-02 पर सलंग्न हैं। कृपया इसको संज्ञान में लेने का कष्ट करें। शासकीय शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के अध्यापन कार्य अति महत्वपूर्ण एवं प्राथमिकता का विषय है। शासकीय शालाओं में विद्यार्थियों के अध्ययन-अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो इसका विशेष ध्यान रखा जाना है। यदि आपके जिले में कतिपय संगठनों या किसी भी व्यक्ति द्वारा शासकीय निर्देशों का पालन न करने के लिये अतिथि शिक्षकों को सम्मिलित कर विरोध प्रदर्शन किया जाता है, तो ऐसी गतिविधियों में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों/अतिथि शिक्षकों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने का कष्ट करें। साथ ही शिक्षकीय गरिमा एवं आचरण के विरूद्ध कृत्य करने वाले अतिथि शिक्षकों को चिन्हित कर, उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रस्ताव कृपया जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से प्रेषित करनें का कष्ट करें।

पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुआ और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की 

लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश, भोपाल के संचालक श्री केके द्विवेदी ने समस्त पुलिस अधीक्षकों को निर्देश तो जारी कर दिए परंतु पुलिस के एक सिपाही ने भी उनके निर्देश का पालन नहीं किया, क्योंकि लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक को, पुलिस अधीक्षक को दूर की बात पुलिस के सिपाही को भी निर्देश देने का अधिकार नहीं है। पुलिस थाने में उनकी स्थिति बिलकुल वैसी ही है जैसी एक अतिथि शिक्षक की। शांतिपूर्ण प्रदर्शन और ज्ञापन देने वालों को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार नहीं किया जाता। प्रदर्शनकारी अतिथि शिक्षक कलेक्टर और उनके प्रतिनिधियों को ज्ञापन दे रहे थे। जिला शिक्षा अधिकारी को यह अधिकार ही नहीं है कि वह, कलेक्टर या उनके प्रतिनिधियों को ज्ञापन देने जा रहे हैं कर्मचारियों को रोकने के लिए पुलिस बुला सके। कुल मिलाकर 17 जुलाई के पत्र में श्री केके द्विवेदी की अपरिपक्वता और बौखलाहट दिखाई दी। इसके साथ ही उनके निर्देश एक मजाक भी बन गया क्योंकि पूरे प्रदेश में प्रदर्शन हुआ। इंटरनेट पर इनके 200 से ज्यादा फोटोग्राफ मौजूद है।






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