मथुरा के हेमंत, मोहन की पसंद, मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, निर्विरोध निर्वाचित

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चुनाव संपन्न तो नहीं हुआ है परंतु सिर्फ घोषणा की औपचारिकता शेष रह गई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रिय, भाजपा के लाडले और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पसंद, मथुरा के हेमंत खंडेलवाल निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। इनके अलावा किसी ने पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं किया है। भाजपा में यह भी पहली बार हुआ है कि जिस व्यक्ति का नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सबसे पहले लिया गया था, अंत में वही प्रदेश अध्यक्ष बना। 

मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया 

नामांकन के दौरान सीएम डॉ मोहन यादव, वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री प्रह्लाद पटेल, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और मंत्री राकेश सिंह समेत कई नेता प्रस्तावक के रूप में उनके साथ मौजूद रहे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बुधवार को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उनके नाम का औपचारिक एलान किया जाएगा। 

हेमंत खंडेलवाल कौन है 

हेमंत खंडेलवाल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 3 सितंबर 1964 को मथुरा में हुआ था। खंडेलवाल को राजनीति और समाजसेवा के संस्कार अपने पिता स्वर्गीय विजय कुमार खंडेलवाल से विरासत में मिले हैं। विजय कुमार खंडेलवाल भाजपा से सांसद रह चुके हैं। पिता के निधन के बाद हेमंत खंडेलवाल ने उनकी राजनीतिक और समाजिक विरासत संभाली। 

हेमंत खंडेलवाल के सक्रिय राजनीतिक सफर की शुरुआत 2008 में हुई थी। दरअसल, पिता विजय कुमार खंडेलवाल के निधन से बैतूल लोकसभा सीट खाली हो गई। इस दौरान हुए उपचुनाव में भाजपा ने हेमंत खंडेलवाल को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। हेमंत का सामना कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव पांस से था, जिन्हें हराकर वे लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद वे 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हेमंत वागद्रे को हराकर विधायक बने और 2018 तक बैतूल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 

2018 के विस चुनाव में भाजपा ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार वे कांग्रेस के निलय डागा से चुनाव हार गए। पांच साल बाद  2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर खंडेलवाल पर भरोसा जताया। इस दौरान उन्होंने  निलय डागा को हराकर अपनी पारिवारिक सीट पर फिर से कब्जा कर लिया। 

मोहन यादव की पहली पसंद हेमंत खंडेलवाल क्यों

हेमंत खंडेलवाल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बीच करीबी राजनीतिक और संगठनात्मक संबंध हैं। दोनों मूल रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। दोनों चुनावी राजनीति में आने के बाद भी नियमित रूप से संघ कार्य करते हैं। दोनों कभी भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं करते। संगठन और अनुशासन दोनों को करीब लाता है। यही कारण है कि हेमंत खंडेलवाल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्राथमिक पसंद हैं। दोनों के बीच न केवल व्यक्तिगत विश्वास और सहयोग का रिश्ता है, बल्कि संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने की रणनीति भी है। इस प्रकार, हेमंत खंडेलवाल और डॉ. मोहन यादव का संबंध विश्वास, राजनीतिक रणनीति, और संगठनात्मक सहयोग पर आधारित है। हेमंत खंडेलवाल संगठन को और मोहन यादव सरकार को मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। 
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