1947 में जब भारत आजाद हुआ तो जूनागढ़ के नवाब मोहम्मद महाबत खान अपनी पत्नी को छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। 2025 में केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, अपनी पत्नी को जूनागढ़ में अकेला छोड़कर राजकोट के लिए रवाना हो गए। वह तो शुक्र है शिवराज सिंह सड़क मार्ग से जा रहे थे, और उन्हें रास्ते में याद आ गई। U-टर्न ले लिया।
दरअसल, शिवराज पत्नी के साथ गुजरात के धार्मिक व सरकारी दौरे पर थे। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग और गिर के सिंहदर्शन के बाद शनिवार को मूंगफली शोध केंद्र में किसानों व ‘लखपति दीदी’ योजना से जुड़ी महिलाओं से संवाद कार्यक्रम था। उन्हें रात 8 बजे राजकोट से फ्लाइट पकड़नी थी और रास्ता खराब होने के कारण वे हड़बड़ी में थे।
कार्यक्रम के मंच पर बार-बार घड़ी देखते रहे। खुद माइक से कहा- “राजकोट का रास्ता खराब है, अगली बार फुर्सत से आऊंगा।’ उन्होंने भाषण छोटा किया और तेजी से काफिले के साथ निकल गए। उधर, साधना गिरनार दर्शन के बाद लौट चुकी थीं और प्रतीक्षालय में बैठी थीं। शिवराज को ख्याल आया कि पत्नी तो साथ में हैं नहीं। फिर फोन पर संपर्क साधा। इसके बाद काफिले संग लौटे और पत्नी को लेकर राजकोट निकले।