मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शिक्षा के नाम पर हो रही खुली लूट और अभिभावकों के शोषण के खिलाफ मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में आयोजित public hearing (जनसुनवाई) के दौरान त्रिपाठी ने नारायणा स्कूल सहित कई बड़े private schools पर गंभीर आरोप लगाए और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
शिक्षा माफिया और कमीशनखोरी का खुलासा
विवेक त्रिपाठी ने अपनी शिकायत में बताया कि भोपाल के कई नामी private schools अभिभावकों पर अनैतिक दबाव डालकर कुछ चुनिंदा दुकानों से अत्यधिक कीमतों पर school uniforms, books, और stationery खरीदवाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इन दुकानों के पास न तो वैध registration है और न ही GST bills दिए जाते हैं। त्रिपाठी ने इसे education mafia का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह तंत्र कमीशनखोरी और tax evasion पर आधारित है, जिसने शिक्षा को एक मुनाफाखोर कारोबार बना दिया है।
जबलपुर जैसी कार्रवाई की मांग
त्रिपाठी ने प्रशासन से मांग की कि जिस तरह जबलपुर में education mafia के खिलाफ FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की गई, उसी तरह भोपाल में भी तत्काल FIR दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि यह न केवल आर्थिक शोषण है, बल्कि संविधान प्रदत्त right to education का भी उल्लंघन है। स्कूलों और दुकानों की सांठगांठ अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रही है।
प्रशासन का सख्त रुख
public hearing के दौरान ADM निधि चौकसे ने मामले को गंभीरता से लिया और जिला शिक्षा अधिकारी को फटकार लगाते हुए साक्ष्यों के आधार पर तत्काल जांच के निर्देश दिए। प्रशासन ने SDM अर्चना शर्मा और जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र अहिरवार को संयुक्त रूप से इस मामले की जांच सौंप दी है। यह पहली बार है जब भोपाल प्रशासन ने education mafia के खिलाफ इतनी तत्परता दिखाई है, जिससे अभिभावकों में उम्मीद जगी है।
कांग्रेस की चेतावनी: सड़क से सदन तक आंदोलन
विवेक त्रिपाठी ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र judicial action नहीं हुई, तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक उग्र protest करेगी। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:निजी स्कूलों द्वारा की जा रही अवैध commission collection की जांच।
दोषी स्कूल प्रबंधन और दुकान संचालकों पर FIR
tax evasion और consumer protection violation पर वित्तीय विभाग की जांच सभी private schools में अनिवार्य parents’ association का गठन, जिसकी सिफारिशें बाध्यकारी हों।
अभिभावकों में जगी उम्मीद
भोपाल में education mafia के खिलाफ प्रशासन की इस पहल से अभिभावकों में न्याय की उम्मीद जगी है। यह मामला अब शहर में चर्चा का विषय बन चुका है, और लोग private school regulations और consumer rights को लेकर जागरूक हो रहे हैं।
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