मध्य प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन आज मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कांग्रेस पार्टी के विधायकों को फटकार लगा दी। उन्होंने सदन में कहा कि, आज यह लोग विधानसभा में भैंस लेकर आए थे, इससे पहले गिरगिट लेकर आए थे। या तो चिड़ियाघर में जाएं या ढंग से विधान सभा में आएं।
विधानसभा में मुख्यमंत्री से पूछे गए प्रश्नों का भी उत्तर नहीं मिल रहा: बाला बच्चन
विधानसभा सत्र में आज कांग्रेस की तरफ से श्री बाला बच्चन ने ओपनिंग की। उन्होंने कहा कि मैं नियम 267 के अंतर्गत प्वाइंट आफ आर्डर उठा रहा हूं। आज मुख्यमंत्री जी का टर्म है जवाब देने का और 16 प्रश्न ऐसे हैं विधायकों के जिनमें जानकारी एकत्रित की जा रही है. मेरे खुद के भी 2 प्रश्न ऐसे हैं। विधायक इस फोरम पर अगर प्रश्नों का जवाब नहीं ले सकते हैं तो कहां से लेंगे, इसीलिये मेरा यह व्यवस्था का प्रश्न है और आप व्यवस्था दें अध्यक्ष महोदय, मेरा आपसे ऐसा आग्रह है। विभाग और दूसरे मंत्री जवाब नहीं देते वहां तक तो ठीक है आज मुख्यमंत्री जी के 16 प्रश्नों के जवाब में जानकारी एकत्रित की जा रही है। मैं समझता हूं कि प्रदेश की जनता के लिये और हम सबके लिये बड़े दुर्भाग्य का विषय है और आप इसमें व्यवस्था दें।
ढाई-ढाई लाख लोगों को चुने हुए जनप्रतिनिधि गरिमा का पालन करें: मुख्यमंत्री
विधानसभा में मुख्यमंत्री (डॉ. मोहन यादव) ने कहा कि, मुझे समझ में नहीं आता है कि जब नागपंचमी हो तो आप भैंस की बात लाते हो जब नागपंचमी हो तो उस दिन करो जो करना हो। मेरे को तालमेल नहीं लगता कभी गिरगिट लाते हैं कभी भैंस लाते हो, या तो चिड़ियाघर में जाएं या ढंग से विधान सभा में आएं। ढाई-ढाई लाख लोगों को चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं। हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि हमारे साथी है और हमारी, आपकी इतनी बड़ी संसदीय परंपरा में हम 9 करोड़ लोगों की हम आशा के केन्द्र है तो कम से कम गरिमा से तो करें।
मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने क्या किया
मध्य प्रदेश विधानसभा के पहले दिन जब श्रद्धांजलि अर्पित की जानी थी, नेता प्रतिपक्ष श्री उमंग सिंगार और कांग्रेस पार्टी के अन्य विधायक हाथों में गिरगिट लेकर आए। उपस्थिति मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश की सरकार गिरगिट की तरह रंग बदलती है। आज दूसरे दिन भैंस लेकर आए, फिर उसके आगे बीन बजाई और उपस्थिति मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश सरकार भैंस की तरह हो गई है। हमारी बात सुनती ही नहीं है।