BHOPAL NEWS - कुशीनगर एक्सप्रेस में रेलवे मंडल की नाटकीय छापामार कार्रवाई

Bhopal railway division (भोपाल रेलवे मंडल) के वाणिज्य विभाग द्वारा आज कुशीनगर एक्सप्रेस में नाटकीय छापामार कार्रवाई की गई। छापामार कार्रवाई का विवरण कुछ इस प्रकार से दिया गया है, मानो यदि यह कार्रवाई नहीं होती तो यात्रियों की जान जा सकती थी लेकिन बड़ी ही चतुराई के साथ अपराधियों को सुरक्षित कर दिया गया है। ना तो उनके नाम और पहचान डिस्क्लोज किए गए और ना ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। 

सबसे पहले पढ़िए भोपाल रेलवे मंडल द्वारा प्रेस को भेजा गया घटना का विवरण

भोपाल मंडल में खानपान सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु चलाए जा रहे विशेष निरीक्षण अभियान के अंतर्गत एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया के नेतृत्व में वाणिज्य विभाग सतत रूप से खानपान स्टालों, ट्रेनों एवं स्टेशनों पर निगरानी रख रहा है।

इसी क्रम में वाणिज्य विभाग को एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि कुशीनगर एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 22538) में अनअप्रूव्ड ब्रांड की पानी की बोतलें बड़ी मात्रा में लाकर यात्रियों को बेची जा रही हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक विशेष संयुक्त टीम का गठन किया गया, जिसमें स्टेशन मास्टर कॉमर्शियल श्री एक के खरे,मंडल मुख्य टिकट निरीक्षक श्री सुनील वर्गीस, मंडल वाणिज्य निरीक्षक श्री विनोद वर्मा तथा कैटरिंग इंस्पेक्टर/भोपाल श्रीमती मेघा नागदेव को शामिल किया गया।

निर्धारित योजना के अनुसार जब कुशीनगर एक्सप्रेस भोपाल स्टेशन पर पहुँची, तो टीम ने अचानक ट्रेन में चढ़कर छापामार कार्रवाई की। जांच के दौरान पैंट्री क्षेत्र के समीप एवं वेंडिंग पॉइंट्स के आसपास तलाशी ली गई, जिसमें कुल 18 क्रेट अनअप्रूव्ड ब्रांड की पानी की बोतलें बरामद की गईं। यह पानी रेलवे द्वारा स्वीकृत सूची में शामिल नहीं था और न ही विक्रेताओं के पास कोई वैध अनुमति अथवा बिल उपलब्ध था।

यह कार्रवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि अनअप्रूव्ड पानी न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, बल्कि यह रेलवे की खानपान नीतियों का घोर उल्लंघन भी है। बरामद की गई सभी पानी की बोतलों को तत्काल जप्त कर नियमानुसार आगे की कार्रवाई हेतु भेज दिया गया।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने इस संबंध में कहा, “हमारा उद्देश्य केवल अनुबंध शर्तों का पालन सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि यात्रियों के स्वास्थ्य और विश्वास की रक्षा करना भी है। इस तरह की अनियमितताओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे तत्वों पर लगातार नजर रखी जा रही है और यह विशेष अभियान पूरी सख्ती से आगे भी जारी रहेगा।”

ज्ञात हो कि मंडल में 09 जुलाई से शुरू इस विशेष अभियान के तहत पहले ही अनियमितताओं पर कार्यवाही प्रारंभ की जा चुकी है और कई स्टालों को अनुशासनहीनता के चलते अस्थायी रूप से बंद भी किया गया है। इस तरह की सतर्कता व निष्पक्ष कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि भोपाल मंडल प्रशासन यात्रियों की सेवा गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। 

अब पढ़िए इसे नाटकीय छापामार कार्रवाई क्यों कहा? 

पहले पैराग्राफ में कुछ इस प्रकार से लिखा गया है मानो वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया के नेतृत्व में पूरी टीम इतनी सतर्क है कि यदि, भोपाल मंडल के अंतर्गत स्टेशनों पर और ट्रेनों के अंदर थोड़ी सी भी गड़बड़ होती है तो तत्काल पकड़ लेते हैं। असलियत यह है कि AC फर्स्ट क्लास तक अवैध वेंडर पहुंच जाते हैं। स्लीपर और AC थर्ड में तो IRCTC की वर्दी वाले वेंडर नजर ही नहीं आते। 

दूसरे पैराग्राफ में ऐसे लिखा है जैसे कोई घटक या विस्फोटक पदार्थ की गुप्त सूचना मिली और तत्काल एक्शन लेते हुए टीम का गठन किया गया। 

तीसरा पैराग्राफ पढ़ने पर ऐसा लगता है मानो वाणिज्य विभाग की टीम ने ट्रेन को ऐसे घेर लिया जैसे आतंकवादी होने की स्थिति में इंडियन आर्मी घेर लेती है। 

चौथे पैराग्राफ में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया का बयान इस प्रकार से जारी किया गया है मानव कह रहे हो कि मैं एक भी रेल यात्री का स्वास्थ्य खराब नहीं होने दूंगा। 

मुद्दे की बात केवल इतनी है कि, 18 क्रेट अनअप्रूव्ड ब्रांड की पानी की बोतलें बरामद की गईं। यह स्टॉक पैंट्री के पास में रखा हुआ था। न्यायालय कहता है कि जब अपराध होता है तो अपराधी भी होना चाहिए और अपराध का मोटिव भी होना चाहिए। रेलवे द्वारा जारी किए गए घटना के विवरण में अपराधी के नाम और पहचान, कुछ भी नहीं बताए गए हैं। यहां तक की यह भी नहीं बताया गया है कि अपराधियों की संख्या कितनी थी। वह रेलवे के कर्मचारी थे, IRCTC के कर्मचारी थे अथवा बाहरी बदमाश थे। यह भी नहीं बताया गया है कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? 

18 क्रेट अनअप्रूव्ड ब्रांड की पानी की बोतलें बरामद करने की कार्रवाई को ऐसे बताया गया है मानो...।
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