Niaz Khan IAS ने बकरीद पर पशुबलि का विरोध किया, कहा इस धरती पर पशुओं का भी अधिकार

मध्य प्रदेश कैडर के IAS officer Niaz Khan एक बार फिर अपने बयानों के कारण सुर्खियों में हैं। Eid-ul-Adha यानी Bakrid, जो 6 जून 2025 को पूरे देश में मनाई जाएगी, से ठीक पहले उन्होंने social media पर animal sacrifice के खिलाफ पोस्ट की है, जिसने तीखी बहस छेड़ दी है। इसके साथ ही उन्होंने environmental protection और animal rights पर जोर देते हुए लोगों का ध्यान खींचा है। 

यह धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है

Niaz Khan, जो अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने social media पर दो पोस्ट साझा की हैं। पहली पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है। पेड़, पौधे और animals भी इसका हिस्सा हैं, और उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।” दूसरी पोस्ट में उन्होंने animal sacrifice को लेकर कहा, “पशुओं का खून बहाना किसी भी तरह से उचित नहीं है।” उनकी ये पोस्ट Bakrid से ठीक पहले आई हैं, जब मुस्लिम समुदाय में animal sacrifice की प्रथा प्रचलित है, जिसके चलते यह चर्चा का विषय बन गई है। 

Niaz Khan की भारतीय मुसलमान से अपील

यह पहली बार नहीं है जब Niaz Khan अपने बयानों के कारण चर्चा में आए हैं। फरवरी 2025 में उन्होंने social media पर दावा किया था कि Islam एक “अरब धर्म” है और भारत में सभी लोग मूल रूप से Hindu थे, जिन्हें बाद में मुसलमान बनाया गया। उन्होंने कहा था, “धर्म भले ही अलग हों, लेकिन हमारा खून और culture एक है।” उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे अरब को आदर्श मानने के बजाय हिंदुओं को अपने भाई के रूप में देखें। इस बयान ने भी खासी हलचल मचाई थी।

Niaz Khan IAS कौन हैं 

Niaz Khan मध्य प्रदेश के Public Works Department (PWD) में Deputy Secretary के पद पर कार्यरत हैं। वे 2015 बैच के promotee IAS officer हैं, जो राज्य प्रशासनिक सेवा से Indian Administrative Service (IAS) में पदोन्नत हुए हैं। उनकी बेबाकी और विचारधारा ने उन्हें बार-बार सुर्खियों में ला खड़ा किया है।

सामान्य ज्ञान: Bakrid और Animal Sacrifice

  • Eid-ul-Adha, जिसे Bakrid के नाम से भी जाना जाता है, इस्लाम में एक प्रमुख त्योहार है, जो पैगंबर इब्राहिम की भक्ति और बलिदान को याद करता है।
  • इस दिन मुस्लिम समुदाय में पशु बलि (animal sacrifice) की प्रथा प्रचलित है, जिसमें बकरे, भेड़ या अन्य पशुओं की कुर्बानी दी जाती है।
  • कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों में बांटा जाता है: एक हिस्सा परिवार के लिए, एक रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए, और एक गरीबों के लिए।
  • Environmental protection और animal rights जैसे मुद्दे हाल के वर्षों में भारत में चर्चा का विषय बने हैं, खासकर धार्मिक प्रथाओं के संदर्भ में।
  • Niaz Khan की यह पोस्ट न केवल Bakrid के मौके पर, बल्कि environmental consciousness और animal welfare जैसे मुद्दों पर भी बहस को बढ़ावा दे रही है। 
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