JABALPUR NEWS - दिव्यांग भाई को छोटी बहन ने दी मुखाग्नि, यह दृश्य हृदय को झकझोर गया

भारतीय परंपरा में भाई अपनी बहन की डोली उठाता है, उसे विदा करता है, मगर जबलपुर के सिहोरा में एक बहन को अपने भाई की न केवल शव यात्रा देखनी पड़ी, बल्कि उसकी चिता को मुखाग्नि भी देनी पड़ी। यह हृदयविदारक दृश्य देखकर वहाँ मौजूद हर शख्स की आँखें आँसुओं से भीग गईं। यह दृश्य हर किसी के हृदय को झकझोर गया। 

सिहोरा के वार्ड नंबर दो के निवासी शिव साहू के 21 वर्षीय बेटे अनुराग का जीवन जन्म से ही चुनौतियों से भरा था। वह दिव्यांग था, चल-फिर नहीं सकता था, और उसकी दुनिया उसके बिस्तर तक सीमित थी। उसकी छोटी बहन रिया उसके लिए माँ, दोस्त और सहारा, सब कुछ थी। रिया अपने भाई की हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखती थी। उसका भोजन कराना, उसकी देखभाल करना, उसकी हर बात सुनना, रिया के लिए यह सब प्रेम का एक अनमोल बंधन था। 

मगर नियति ने उस बंधन को एक पल में छीन लिया। शनिवार की सुबह 6 बजे, जब अनुराग अपनी प्यारी बहन रिया से बातें कर रहा था, उसकी साँसें हमेशा के लिए थम गईं। उसकी हँसी, उसकी बातें, और उसका साथ सब कुछ एक गहरे सन्नाटे में डूब गया। रिया का दिल टूट गया, मगर उसने अपने आँसुओं को थामकर एक असाधारण हिम्मत दिखाई। उसने फैसला किया कि वह अपने इकलौते भाई को अंतिम विदाई देगी। 
 
मुक्तिधाम में जब रिया ने अपने भाई अनुराग के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी, तो वह पल हर किसी के लिए असहनीय था। रिया की आँखों से आँसुओं की धारा बह रही थी, मगर उसका चेहरा अपने भाई के प्रति असीम प्रेम और सम्मान से चमक रहा था। यह दृश्य देखकर न केवल परिजन, बल्कि अंतिम यात्रा में शामिल हर व्यक्ति का हृदय द्रवित हो गया। वहाँ मौजूद लोग इस बहन के साहस और प्रेम को देखकर नतमस्तक हो गए।  

रिया ने न केवल अपने भाई को अंतिम विदाई दी, बल्कि भारतीय परंपरा में एक नया उदाहरण स्थापित किया। अनुराग भले ही इस दुनिया में नहीं रहा, लेकिन उसकी छोटी बहन का यह प्रेम और बलिदान हर दिल में हमेशा जिंदा रहेगा।  
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