लायंस क्लब भोपाल संस्कार एवं कुलश्रेष्ठ समाज विकास समिति द्वारा आयोजित 13वीं काव्यांजलि समारोह का आयोजन किया गया,सर्वप्रथम लायन रेखा सकसेना ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया ,लायन दिनेश धीर ने अध्यक्ष के रूप में सभी का अभिनंदन किया,
लायन जे पी एस जौहर ने अपने उद्बोधन में कहा कि परिवार द्वारा अपने पिता की स्मृति में कार्यक्रम के लिए बहुत बधाई दी,श्री रघुनंदन शर्मा अपने उद्बोधन में विशेष परिवार के से कार्यक्रम की बहुत तारीफ करी इसी के साथ काव्यांजलि के माध्यम से श्री रविंद्र प्रकाश अनूठे तरीके से श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम को अभूतपूर्व बताया।स्वर्गीय श्री रविंद्र प्रकाश कुलश्रेष्ठ जी का परिचय श्रीमती प्रज्ञा कुलश्रेष्ठ द्वारा दिया गया, काव्यांजलि के आरंभ में ही श्री एम एस खान ने अपनी नज़्म पढ़ी,"आदमी करने लगा है जब से मनमानी बहुत"
एडवोकेट श्री हर्ष कुलश्रेष्ठ ने अपनी कविता से शुरुआत की "दिल्ली की गद्दी पर बैठा मोदी बाप तुम्हारा है"
श्रुति जैन ने ललकारा "तूने नाम पूछकर मारा था,हम तेरा नामोनिशान मिटा देंगे"
अली अब्बास उम्मीद साहब ने कहा कि "खिड़कियां ही खोल ले गर बंद दरवाजा रहे, आते जाते मौसमों का कुछ तो अंदाजा रहे"
नागपुर से विशेष रुप से पधारीं वरिष्ठ कवयित्री सुश्री श्रद्धा शोर्या ने "सुनो तुमने कैसे जली पद्मिनी शील बनाने की खातिर,
और तुमने सारी शर्म बेच दी रील बनाने के खातिर"
सर्वश्रेष्ठ रुबाईयां पुस्तक के बारे में लायन एम एस खान द्वारा जानकारी प्रदान की अतिथियों द्वारा सर्वश्रेष्ठ रुबाईयां पुस्तक का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर श्रीमती संध्या जैन,सुश्री खुशबू दीदी, श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव, श्रीमती रेखा श्रीवास्तव को सम्मानित किया।
काव्य सम्मेलन का शानदार संचालन डा रमेश श्रीवास्तव द्वारा किया गया
इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी एवं लायन साथी उपस्थित थे।