MP HIGH COURT - प्रतिनियुक्ति को पदस्थापना मानकर अतिशेष शिक्षक की गणना नहीं कर सकते

हाई कोर्ट ऑफ़ मध्य प्रदेश, जबलपुर ने स्कूल शिक्षा विभाग को स्पष्ट किया है कि किसी भी शिक्षक अथवा कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति को, पदस्थापना नहीं मान सकते और इसके आधार पर अतिशेष शिक्षकों की गणना नहीं कर सकते हैं। अधिकारियों को 15 दिन का मौका दिया है कि वह प्रतिनियुक्ति वाले शिक्षकों को हटाकर अतिशेष शिक्षक की गणना करें। 

श्रीमती मनीषा साहू बनाम आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल

श्रीमती मनीषा साहू, उच्च माध्यमिक शिक्षक (Higher Secondary Teacher), शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गौरैया घाट, जबलपुर (Government Higher Secondary School, Gauraiya Ghat, Jabalpur) में पदस्थ हैं। अतिशेष नीति (Surplus Policy) दिनांक 08/09/22 के अनुसार, श्रीमती साहू को गौरैया घाट में अतिशेष (Surplus) घोषित किया गया था। 

स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) द्वारा जारी निर्देश दिनांक 03/05/25 और 06/05/25 के पालन में, उन्हें शाला चयन (School Selection) के लिए विकल्प देना था, अन्यथा प्रशासनिक स्थानांतरण (Administrative Transfer) किया जाना था। 

चूंकि श्रीमती मनीषा साहू को उनके ही विद्यालय में पदस्थ श्रीमती कीर्ति अवस्थी, जो जनजातीय कार्य विभाग (Tribal Affairs Department) से स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) में प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर हैं, उनकी ज्वाइनिंग तिथि (Date of Joining) के आधार पर अतिशेष (Surplus) घोषित किया गया था। 

श्रीमती मनीषा साहू, उच्च माध्यमिक शिक्षक (Higher Secondary Teacher), ने उनके नाम को अतिशेष सूची (Surplus List) में शामिल किए जाने से आहत होकर, उच्च न्यायालय, जबलपुर (High Court, Jabalpur) में याचिका (Petition) दायर की और अतिशेष सूची (Surplus List) से उनका नाम हटाने की प्रार्थना की। 

श्रीमती मनीषा साहू की ओर से अधिवक्ता (Advocate) श्री अमित चतुर्वेदी ने उच्च न्यायालय, जबलपुर (High Court, Jabalpur) की एकल पीठ को बताया कि श्रीमती कीर्ति अवस्थी की पोस्टिंग (Posting) गौरैया घाट में प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर थी और उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि (Deputation Period) दो वर्ष पूर्ण हो चुकी है। मूल रूप से वे जनजातीय कार्य विभाग (Tribal Affairs Department) की कर्मचारी हैं। युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया (Rationalization Process) में उनकी सेवा को स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) में प्रतिनियुक्ति (Deputation) के आधार पर गणना नहीं की जानी चाहिए। इस संबंध में, प्राचार्य, गौरैया घाट (Principal, Gauraiya Ghat) द्वारा दिनांक 03/09/24 को डीईओ, जबलपुर (DEO, Jabalpur) को पत्र भेजकर विसंगति (Discrepancy) की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। 

अधिवक्ता (Advocate) श्री अमित चतुर्वेदी के तर्कों को सुनने के बाद, उच्च न्यायालय, जबलपुर (High Court, Jabalpur) ने डीईओ, जबलपुर (DEO, Jabalpur) को आदेश दिया है कि प्राचार्य, गौरैया घाट (Principal, Gauraiya Ghat) द्वारा जारी पत्र दिनांक 03/09/24 के आधार पर श्रीमती मनीषा साहू का नाम अतिशेष सूची (Surplus List) से हटाने के संबंध में 15 दिनों के भीतर कार्यवाही करें। जांच और निराकरण (Investigation and Resolution) की अवधि के दौरान श्रीमती मनीषा साहू के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्यवाही, जैसे स्थानांतरण (Transfer), नहीं किया जाएगा।

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