Green Revolution के कारण भारत ने food grain production में आत्मनिर्भरता हासिल की है। मध्यप्रदेश आज food security को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह pulses के शीर्ष तीन उत्पादक राज्यों में शामिल है। यहाँ के किसान grains, oilseeds, और pulses का उन्नत उत्पादन करते हैं। Micro-irrigation, सुनिश्चित बिजली आपूर्ति और सुलभ credit facilities के कारण high-value horticultural crops की खेती से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हालांकि, समय के साथ नई समस्याएँ भी उभर रही हैं, जिनका समाधान आवश्यक है।
मध्यप्रदेश में गलत समय पर Moong Cultivation
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के पूर्व Vice-Chancellor प्रो. (डॉ.) विजय सिंह तोमर के अनुसार, किसान वर्तमान में summer moong की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं। दस साल पहले यह मुख्य रूप से kharif season में होती थी, जो पर्यावरण के लिए अनुकूल थी। Moong की जड़ों में nitrogen-fixing bacteria मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं। अब moong cultivation का क्षेत्रफल तीन गुना बढ़ गया है, लेकिन गर्मियों में इसकी खेती से groundwater depletion और excessive electricity consumption हो रही है~~. किसान crop residue burning को प्रोत्साहित करते हैं, जिसके पर्यावरणीय दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। राज्य सरकार ने stubble burning पर प्रतिबंध लगाया है। किसानों को crop residue के उचित उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
Summer Moong स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
किसान summer moong को जल्दी सुखाने के लिए herbicides जैसे Paraquat और Glyphosate का उपयोग करते हैं, जिससे फसल जल्दी पकती है। इसका दुष्प्रभाव पर्यावरण और moong का सेवन करने वालों पर पड़ता है, जिससे health issues बढ़ सकते हैं। बार-बार herbicide उपयोग से मिट्टी के beneficial microorganisms नष्ट होते हैं, जिससे soil fertility घटती है। Summer moong के लिए 3-4 बार irrigation की आवश्यकता होती है, जिससे groundwater levels लगातार कम हो रहे हैं।
किसानों को sustainable और eco-friendly farming practices अपनाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। Natural ripening वाली summer moong में pesticides और herbicides का उपयोग न्यूनतम करने की सलाह दी जा रही है।
Chemical Farming के दुष्परिणाम
डॉ. तोमर के अनुसार, यदि डॉ. स्वामीनाथन आज जीवित होते, तो वे मानते कि Green Revolution ने देश को बहुत कुछ दिया। लेकिन chemical fertilizers, pesticides, और plant protection chemicals के अत्यधिक उपयोग से soil health को नुकसान और water pollution की समस्या बढ़ी है। Chemical residues भोजन में मिलकर health disorders और बीमारियों को बढ़ा रहे हैं।
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