INSURANCE AGENT जब पॉलिसी के बारे में बताते हैं तो ऐसा लगता है जैसे इधर मेरा निधन होगा और उधर इंश्योरेंस कंपनी वाले मेरे आश्रित के बैंक अकाउंट में बीमा राशि ट्रांसफर कर देंगे परंतु अक्सर ऐसा नहीं होता। बीमा कंपनी क्लेम देने से मुकर जाती है। कोर्ट केस करने के बाद ही क्लेम मिल पाता है। आज के मामले में भी ऐसा ही हुआ है।
ऑटो क्रमांक MP-04-RB-6065 ने एक्सीडेंट किया था
रोहित ठाकुर 4 जून 2023 को भदभदा से नीलबढ़ जाने के लिए निकला था। भदभदा चौकी से सूरज नगर की ओर जाने वाली सड़क पर ऑटो क्रमांक MP-04-RB-6065 ने पीछे से रोहित की बाइक को जोरदार टक्कर मारी। हादसे में घायल युवक की इलाज के दौरान हमीदिया अस्पताल में अगले दिन मौत हो गई थी। इस मामले का मर्ग रातीबढ़ थाने में कायम किया गया था।
30 हजार रुपए महीना कमाता था युवक
कोर्ट के मुताबिक रोहित एक्सीडेंट से पहले स्वस्थ्य था। एक सरकारी बैंक का चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था और 30 हजार रुपए प्रति महीना कमाया करता था। इस कमाई से अपने परिवार का भरण पोषण करता था। लिहाजा उसकी मौत के बाद परिवार की ओर से क्लेम दिलाने का आवेदन कोर्ट में पेश किया गया था। इस पर स्वयं प्रकाश दुबे 21 वें सदस्य मोटर दुर्घटना अधिकरण ने मृतक के परिवार को 83 लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश बीमा कंपनी को दिए हैं।
विनम्र अनुरोध कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें।
भोपाल से संबंधित महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Bhopal पर क्लिक करें। समाचार, विज्ञापन एवं प्रतिनिधित्व पूछताछ के लिए व्हाट्सएप, टेलीग्राम ईमेल के माध्यम से संपर्क करें।
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें |
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें |
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें |
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें |