BNSS-219, Marriage से संबंधित अपराधों का परिवाद, Court में कौन दाखिल कर सकता है कौन नहीं, जानिए

आज के लेख में हम उन अपराधों की बात कर रहे हैं जो Bharatiya Nyaya Sanhita की धारा 81 से 84 तक उपबंधित हैं, अर्थात धारा 81 के अनुसार अठारह वर्ष से कम उम्र कि स्त्री को पत्नी बनाकर रखना। धारा 82(1) के अनुसार पति या पत्नी के जीवित रहते हुए पुनः विवाह करना (बिना तलाक, विवाह शून्य एवं शून्यकरण के)। धारा 82(2) के अनुसार पहला विवाह छिपाकर दूसरा विवाह करना। धारा 83 के अनुसार बनावटी, अवैध, नकली शादी करना। धारा 84 किसी शादीशुदा स्त्री को आपराधिक उद्देश्य से बहला फुसलाकर या प्रलोभन द्वारा ले जाना। उक्त संबंधित अपराधों के बारे में Court में कौन Complaint कर सकता है और कौन नहीं, आइए जानते हैं:- 

BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA, 2023 की धारा 219 की परिभाषा 

विवाह के विरुद्ध अपराधों के लिए अभियोजन (Prosecution of judges and public servant) - कोई भी न्यायालय BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023  की धारा 81 से 84 अधीन दंडनीय अपराध का संज्ञान ऐसे पीड़ित व्यक्ति द्वारा किए गए परिवाद पर लेगा:-

1. अगर पीड़ित (victim) व्यक्ति की उम्र अठारह वर्ष से कम है या अगर व्यक्ति पागल, जड़ बुद्धि या किसी रोग से ग्रस्त हैं या कोई स्त्री किसी प्रथा के अंतर्गत नहीं आ सकती है तब उसका कोई भी संरक्षक Court की अनुमति पर परिवाद दायर कर सकता है 

2. अगर कोई पति संघ (केन्द्र) की सशस्त्र सेनाओं (Armed Forces) में कार्यरत है वह किसी अन्य व्यक्ति को भी न्यायालय में परिवाद दायर के लिए भेज सकता है लेकिन इसके पूर्व उसे अपने Officer द्वारा ऐसा Certificate प्रस्तुत करना होगा जिसमें यह बताया गया हो कि वह न्यायालय (Court) में परिवाद के लिए क्यू नहीं आ रहा है।

3. अगर कोई अपराध Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 की 82(1) एवं 82(2) के अधीन दण्डनीय हैं, और पीड़ित (victim) कोई पत्नी हैं तब पत्नी की और से उसके माता-पिता, भाई-बहन, पुत्र-पुत्री, दत्तक पुत्र-पुत्री या रक्त से सम्बंधित कोई भी व्यक्ति न्यायालय की मंजूरी से परिवाद दायर कर सकते हैं।

नोट:- BHARATIYA NAGARIK SURAKSHA SANHITA, 2023 की धारा 219 (6) के अनुसार अगर कोई पत्नी (Wife) की उम्र 18 वर्ष से कम है तब वह Marriage के एक वर्ष के भीतर पति पर मैथुन (Rape) का परिवाद दायर कर सकती है, लेकिन महिला द्वारा एक वर्ष बाद दायर याचिका Court में मान्य नहीं होगी। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।  

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