भोपाल समाचार द्वारा मुद्दे को विषय पर केंद्रित करने के बाद स्पष्ट हुआ है कि, जिस स्कूल बस से हादसा हुआ, उसका फिटनेस नवंबर 2024 में एक्सपायर हो चुका था। इसके बाद भी इसे सड़क पर चलाया जा रहा था। इसी के साथ प्रमाणित हो जाता है कि, इस एक्सीडेंट के लिए स्कूल मैनेजमेंट जिम्मेदार है। स्कूल मैनेजमेंट अनफिट बस को सड़क पर दौड़ा रहा था। स्कूल मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण ही बस का ब्रेक फेल हुआ और एक्सीडेंट हुआ। यदि आप समाचार से अवगत नहीं है तो कृपया यहां क्लिक करके समाचार पढ़ सकते हैं।
भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा की मासूमियत पढ़िए
भोपाल आरटीओ जितेंद्र शर्मा का कहना है कि यह बस निजी स्कूल में रजिस्टर्ड थी। संबंधित को नोटिस देकर पूछताछ की जाएगी कि बस सड़क पर क्यों चल रही थी? उन्होंने कहा कि अनफिट वाहन सड़क पर चलाना मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार अपराध है। हम इस पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
कई लोगों को यह बयान पढ़कर अच्छा लगेगा। वह मान लेंगे कि, सारी गलती स्कूल मैनेजमेंट की है, आरटीओ कितना ईमानदार है। जबकि परिवहन नियमों के अनुसार सड़क पर अवैध रूप से चल रहे वाहनों को पकड़ना आरटीओ की जिम्मेदारी है। आरटीओ को पता होता है कितने वाहनों का फिटनेस एक्सपायर हो गया है। ऐसे सभी वाहनों के व्हील लॉक किया जा सकते हैं। जैसे प्रशासन दुकानों को सील बंद कर देती है। लेकिन आरटीओ ऐसा कुछ भी नहीं करता। क्योंकि नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन ही परिवहन विभाग की अवैध कमाई का मुख्य स्रोत है।
मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में कितना भ्रष्टाचार है, यह बताने की जरूरत नहीं। इसके लिए सौरभ शर्मा काफी है।
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