इस समाचार को कोई ब्रेक नहीं करेगा परंतु आज के कार्यक्रम का यही सबसे महत्वपूर्ण समाचार है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कक्षा 12 की मेरिट लिस्ट में शामिल सभी विद्यार्थियों की आंखें खोल दीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि, मेरिट के कुछ उदाहरण बड़े डरावने भी हैं। इसलिए सिर्फ मेरिट से काम नहीं चलता है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज राजधानी भोपाल में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल, भोपाल द्वारा आयोजित कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप इलेक्ट्रिक स्कूटी प्रदान कर रहे थे।
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समाचार का निष्कर्ष
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बिल्कुल सही समय पर, जब विद्यार्थियों में प्राउड फीलिंग आ सकती थी, सही दिशा दिखाने का प्रयास किया है। ऐसा प्रयास समाज में सभी पेरेंट्स को करना चाहिए, ताकि मेरिट लिस्ट वाला बच्चा सही दिशा में आगे बढ़े। कहीं किसी जिद, किसी घमंड के कारण समाज का शत्रु न बन जाए। बच्चों को हमेशा यह ध्यान में रखना चाहिए कि सिर्फ Merit नहीं चाहिए बल्कि Morality भी चाहिए। Merit without morality becomes dangerous.
वीडियो में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने क्या कहा, पढ़िए
मेरिट के उदाहरण बड़े डरावने भी है। मेरिट में एक हमको दिखता है भगवान राम से जिसका झगड़ा हुआ। वह मेरिट में तो बहुत मजबूत था। क्या कमी थी उसमें? मानव सुख में ऐसा माना जाता है कि 10 सुख जीवन में जिसको मिल जाए उसका जीवन सफल है, और 10 सुख में क्या-क्या आते हैं?
तो 10 सुख में पहला सुख, निरोगी काया। मृत्यु तक शरीर वैसा का वैसा रहे। एक-एक करके, उनके (रावण के) सारे सुख गिन लो, धन-संपत्ति, पुत्र, सुयोग्य पत्नी, सब कुछ था नैतिकता में कहां था वो? तो इसका मतलब है कि विचार का दूसरा रास्ता बनता है, कि केवल मेरिट से काम नहीं बनेगा। मोरालिटी भी होना चाहिए।
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