मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में घटित हुआ यह एक गंभीर मामला है। इसमें पुलिस ने एक युवक के खिलाफ अपनी ही मां की गैर इरादतन हत्या करने का मामला दर्ज किया है परंतु उस डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है जिसने उचित इलाज नहीं किया और मरीज को रेफर भी नहीं किया। उस बाबा के खिलाफ भी कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है जिसने, युवक को विश्वास दिला दिया कि केरोसिन पिला देने से, उसकी माता जो पैरालिसिस अटैक से पीड़ित थे, पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगी।
सबसे पहले डॉक्टर के पास लेकर गया था लेकिन आराम नहीं मिला
कमलानगर थाना पुलिस ने उमेश बमनेरे के विरुद्ध गैरइरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया है। प्रधान आरक्षक कमलेश यादव ने बताया कि 32 वर्षीय उमेश बमनेरे कमलानगर क्षेत्र की मांडवा बस्ती में रहकर निजी काम करता है। उसकी 48 वर्षीय मां मंगला बमनेरे को 28 जनवरी को सुबह पारले सा अटैक हुआ था। जिसके बाद उमेश उन्हें नारियलखेड़ा स्थित एक डाक्टर की क्लीनक लेकर पहुंचा।
बाबा की बातों में आकर एक गिलास केरोसिन पिला दिया
इलाज के कुछ देर बाद उसे मां की तबीयत में सुधार नहीं दिखा, तो उसने उसी दिन दोपहर करीब दो बजे किसी की सलाह पर, पैरालिसिस अटैक से पीड़ित अपनी मां को को बच्चों के छोटे ग्लास में करीब 50 से 60 एमएल केरोसिन पिला दिया। इससे मंगला की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उमेश आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए हजेला अस्पताल लेकर पहुंचा, वहां दो दिन इलाज के बाद 30 जनवरी को उन्हें एम्स अस्पताल में रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
शार्ट पीएम में केरोसिन पीने से मौत की पुष्टि
प्रधान आरक्षक यादव ने बताया कि शार्ट पीएम में केरोसिन पीने से मौत की पुष्टी हुई है। जिसके बाद बेटे के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। स्वयं उमेश, उसके भाई और पिता समेत परिवार के अन्य सदस्यों ने भी उमेश द्वारा उनकी मां मंगला को केरोसिन पिलाना स्वीकार किया है।
वह बाबा और भी कई लोगों की मृत्यु का कारण बनेगा
इस पूरे मामले में ध्यान देना जरूरी है कि अपनी ही माता की हत्या का आरोपी बेटा, की अपनी माता हत्या नहीं करना चाहता था बल्कि इलाज करवाना चाहता था। जिस बाबा ने उमेश का ब्रेन वाश किया, वह अभी भी स्वतंत्र घूम रहा है और निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि, वह बाबा, उमेश की तरह अन्य लोगों को भी इसी प्रकार अपना शिकार बनाता रहेगा। इस प्रकार के लोगों को समाज में स्वतंत्र नहीं होना चाहिए। उमेश को तो एक माध्यम की तरह उपयोग किया गया है। मृत्यु का कारण तो बाबा की दुर्बुद्धि है। बाबा के खिलाफ कार्रवाई अनिवार्य है।
डॉक्टर का भी लाइसेंस सस्पेंड होना चाहिए
इस घटना में, युवक अपनी बीमार मां को लेकर सबसे पहले डॉक्टर के पास गया था। यदि डॉक्टर उचित इलाज नहीं कर पा रहा था तो उसे पैरालिसिस अटैक से पीड़ित महिला को हमीदिया हॉस्पिटल अथवा AIIMS BHOPAL के लिए रेफर कर देना चाहिए था। यदि डॉक्टर, उमेश को विश्वास दिला देता कि, उसकी मां का इलाज किया जा सकता है। वह फिर से स्वस्थ हो सकती है। तो उमेश की उम्मीद नहीं टूटती और वह किसी बाबा के जाल में नहीं फंसता।
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