यदि कोई पंडित, पादरी, गवाह जानते हुए कि पुरुष या महिला का पहला विवाह अस्तित्व में है और वह दूसरा विवाह संपन्न करवाता है, तब ऐसे पंडित, पादरी, य गवाह बनने वाले व्यक्ति को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 82 (पति पत्नी के जीवन काल में पुनःविवाह करना) एवं BNS की धारा 49 (अपराध करने के लिए उकसाना) के अपराध से दण्डित किया जा सकता है। इस अपराध से संबंधित महत्वपूर्ण जजमेंट पढिए...
इंदु भाग्य नाटेकर बनाम भाग्य पांडुरंग नाटेकर वाद:-
इंदु भाग्य नाटेकर, पांडुरंग भाग्य नाटेकर की पत्नी थी। उसने अपने पति के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई की उसने किसी मंजुला कदम नामक महिला के साथ वर्ष 1978 मे पुनः विवाह कर लिया, जिसका रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र में आरोप की पुष्टि से साबित किया गया। आरोपी का चचेरे भाई गणपत ने इस द्विविवाह के गवाह के रूप में रजिस्टार के कार्यालय में हस्ताक्षर किए थे। विवाह एक पंडित ने सम्पन्न कराया था, जिसने भी विवाह रजिस्ट्रेशन के आवेदन पत्र पर अपने हस्ताक्षर किए थे।
उक्त मामले में न्यायालय द्वारा अभिनिर्धारित किया कि तथ्यों के आधार पर यह उपधारित किए जाने के लिए पर्याप्त कारण था कि द्वितीय विवाह विधि पूर्वक रीति से संपन्न हुआ है। इसके प्रमाण के रूप मे विवाह प्रमाण-पत्र भी प्रस्तुत किया गया था। अतः आरोपी पति को 494 एवं चचेरे भाई तथा पंडित को IPC की धारा 494 एवं 109 (अब वर्तमान मे BNS की धारा 82 एवं धारा 49 होगी) के अधीन दोषसिद्ध किया जाना न्यायोचित था।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 82(1) Provision of punishment
यह अपराध असंज्ञेय एवं ज़मानतीय होते हैं अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर दर्ज नहीं होती है इसके लिए पति या पत्नी को स्वयं न्यायालय में प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद (शिकायत) दर्ज करवाना होगा तभी मामला संज्ञान में लिया जाएगा एवं इस अपराध में जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन करना होगा, अपराध की सुनवाई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा की जाती है। इस अपराध में न्यायालय की अनुमति द्वारा समझौता किया जा सकता है। सजा - इस अपराध के लिए अधिकतम सात वर्ष की कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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